एक ही ग्रह पर रहते हैं हम, लेकिन पीते हैं अलग-अलग पानी? जानिए कहीं मीठा तो कहीं खारा क्यों होता है पानी का स्वाद
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एक ही ग्रह पर रहते हैं हम, लेकिन पीते हैं अलग-अलग पानी? जानिए कहीं मीठा तो कहीं खारा क्यों होता है पानी का स्वाद

Taste of Water: धरती एक है, पूरी दुनिया एक है, लेकिन पानी हर जगह का अलग-अलग होता है. क्या आपने कभी गौर किया है कि अलग-अलग हिस्सों में पानी का स्वाद अलग-अलग क्यों होता है? चलिए जानते हैं आखिर क्या है इसके पीछे वजह...

एक ही ग्रह पर रहते हैं हम, लेकिन पीते हैं अलग-अलग पानी? जानिए कहीं मीठा तो कहीं खारा क्यों होता है पानी का स्वाद

Different Taste of Water: हम सब एक ही ग्रह पर रहते हैं या बॉलीवुड फिल्म 'पीके' के शब्दों में हम यूं भी कह सकते हैं कि हम सारे एक ही गोले के जीव है. फिर एक ही ग्रह पर रहते हुए हम अलग-अलग तरह का पानी क्यों पीते हैं? कहीं पानी का स्वाद बड़ा मीठा होता है, तो कहीं का पानी बहुत खारा होता है. कभी -कभी तो जगह बदलने के कारण कुछ लोग तसल्ली से पानी भी नहीं पी पाते, क्योंकि उसका स्वाद अच्छा नहीं लगता. जहां हम रहने लगते हैं धीरे-धीरे वहां के पानी का स्वाद हमें भाने लगता है, लेकिन क्या कभी आपने इस बारे में जानने की कोशिश की है कि आखिर क्यों हर जगह पानी का स्वाद अलग होता है? तो देर किस बात की. चलिए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों और कैसे होता है...

क्यों होता है पानी में स्वाद?
साइंस की माने तो शुद्ध पानी का अपना कोई स्वाद नहीं होता है. हालांकि, जब पानी जमीन के अंदर से होकर एक से दूसरी जगह तक पहुंचता है तो वह कई तरह के खनिजों के संपर्क में आता है, जो पानी में घुल जाते हैं. इन मिनरल्स के वजह से ही पानी का स्वाद बदल जाता है.

पानी के स्वाद को बदलने वाले फैक्टर्स
अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि किसी जगह का पानी सॉफ्ट है या फिर हार्ड. पानी में घुलने वाले खनिज ही इसे कठोर या नरम बनाते हैं. गर्म पानी में खनिज ज्यादा आसानी से घुलते हैं. इन खनिजों जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम और पोटेशियम की मात्रा और प्रकार पानी के स्वाद को प्रभावित करते हैं. 

इसके अलावा जिस एरिया से पानी होकर गुजरता है, उसकी भूगर्भीय संरचना भी उसके स्वाद पर बहुत असर डालती है. मान लीजिए कि चूना पत्थर वाले क्षेत्रों के पानी में बहुत कैल्शियम होता है, जिससे वहां का पानी कठोर हो जाता है. 

जमीन के अंदर से बहते हुए पानी असंख्य तरह के पेड़-पौधों और जीवों के संपर्क में आता है. इनसे निकलने वाले केमिकल्स भी पानी के स्वाद को बदल सकते हैं.

वहीं, जल चक्र के दौरान पानी वाष्पित होता है, जो बादलों में बदल जाता है. ये मॉनसून में बारिश या बर्फ के रूप में जमीन पर गिरता है. इस समय भी पानी कई पदार्थों के संपर्क में आता है, जो इसमें घुलकर पानी के स्वाद को प्रभावित करते हैं. इसके अलावा कारखानों और खेती से निकलने वाले केमिकल से भी पानी का स्वाद बदल जाता है.

इसके अलावा पानी का पीएच लेवल भी इसके स्वाद पर असर डालता है. अम्लीय पानी खट्टा होता है, जबकि क्षारीय पानी कड़वा होता है. पानी में घुलने वाले गैसें जैसे ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड आदि से भी पानी का स्वाद बदलता रहता है.    

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