Republic Day 2025: आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री के बजाय राष्ट्रपति तिरंगा क्यों फहराते हैं? अगर नहीं, तो आप इसकी वजह हमारी इस खबर में जान सकते हैं.
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Why Prime Minister Not Hoist Tricolor on 26 January: भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, जो भारतीय संविधान के लागू होने और देश के गणराज्य बनने का प्रतीक है. इस खास मौके पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भव्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस दिन तिरंगा प्रधानमंत्री के बजाय राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं? आइए, इसके पीछे का कारण समझते हैं.
राष्ट्रपति का संवैधानिक महत्व
26 जनवरी के दिन तिरंगा फहराने का अधिकार भारत के राष्ट्रपति को दिया गया है क्योंकि वे देश के संवैधानिक प्रमुख और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर होते हैं. राष्ट्रपति भारतीय गणराज्य के प्रतीक हैं, और गणतंत्र दिवस का सीधा संबंध देश के गणराज्य बनने से है. इसलिए, इस दिन का मुख्य आयोजन राष्ट्रपति के नेतृत्व में होता है.
प्रधानमंत्री की भूमिका
दरअसल, प्रधानमंत्री देश के कार्यकारी प्रमुख होते हैं और सरकार के मुखिया के रूप में काम करते हैं. हालांकि वे गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा होते हैं और परेड में उपस्थित रहते हैं, लेकिन इस दिन की मुख्य भूमिका राष्ट्रपति की होती है.
इसके अलावा यह एक परंपरा और संवैधानिक प्रोटोकॉल भी है कि गणतंत्र दिवस के मुख्य आयोजन में तिरंगा राष्ट्रपति के द्वारा ही फहराया जाता है. इसलिए झंडा फहराने का अधिकार प्रधानमंत्री को नहीं दिया गया है. उनकी भूमिका स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के मौके पर अधिक महत्वपूर्ण होती है, जब वे लाल किले से तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं.
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में अंतर
स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के कार्यक्रमों में मुख्य अंतर उनके ऐतिहासिक महत्व से जुड़ा है.
स्वतंत्रता दिवस: यह दिन भारत की आजादी को दर्शाता है, जब देश ने 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की. इस दिन प्रधानमंत्री लाल किले से तिरंगा फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं.
गणतंत्र दिवस: यह दिन भारतीय संविधान के लागू होने और देश के गणराज्य बनने का प्रतीक है. इसलिए, इस दिन तिरंगा राष्ट्रपति द्वारा फहराया जाता है.