Pakistan News: कुछ मेहमानों ने कहा, 'मानना पड़ेगा पाकिस्तान, इंडिया से काफी पीछे रह गया है. वहां 35 लाख तक टैक्स नहीं देना पड़ता. यहां पाकिस्तान में 50 हजार रुपये पर भी टैक्स देना पड़ता है. पाकिस्तान की सरकार को चाहिए कम से कम गरीबों का ख्याल कर दें. यहां दो वक्त की रोटी नहीं मिलती.'
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भारत के बजट को देखकर कहीं खुशी कहीं गम है. एक तरफ भारत का मिडिल क्लास मुस्कुरा रहा है. दूसरी तरफ सीमा पार पाकिस्तान की आवाम टैक्स के आंसू रो रही है. भारत के बजट में जिस तरह की राहत लोगों को मिली है. शहबाज़ सरकार पर पाकिस्तानियों का गुस्सा और बढ़ गया है. कहा जा रहा है शहबाज़ सरकार टैक्स लगाकर पाकिस्तानियों का खून चूस रही है. पाकिस्तानी अब अपने हुक्मरानों को भारत से तरक्की और आवाम का ख्याल रखने का हुनर सीखने की नसीहत दे रहे हैं.
भारत का बजट देख पाकिस्तान में भूकंप!
भारत में बजट के अंदर एलान हुआ कि अब 12 लाख रुपये कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. पाकिस्तानी रुपयों के हिसाब से ये रकम 37 लाख रुपये से ज्यादा है. इसके बाद शहबाज़ शरीफ, जरदारी और इसाक डार सबने एक साथ अपना माथा पकड़ लिया होगा. इसके साथ पाकिस्तानी आवाम का आंखों से आंसू निकल आए और पाकिस्तानी जनता अपनी बदकिस्मती पर रो रही है.
पाकिस्तान में निर्मला सीतारमण की जय-जय!
भारत का बजट पाकिस्तानी यू-ट्यूबरों के चैनल पर खूब ट्रेंड कर रहा है. एक शो में कहा गया कि भारतीय खुशनसीब हैं. पाकिस्तानी बदनसीब हैं. भाई हम क्या कर सकते हैं हम अपने नसीब को पीट सकते हैं.
दूसरे शख्स ने कहा, 'आप उन लोगों से कंपेयर करने के बारे में सोच भी नहीं सकते. वो लोग हमसे बहुत आगे निकल चुके हैं. अब सवाल ये उठता है कि पाकिस्तानियों का बेड़ा गर्क किसने किया? इस सवाल के जवाब में वो कहते हैं कि हुक्मरानों ने हर चीज़ का बेड़ा गर्क करके रख दिया है.
पाकिस्तान की आवाम मोदी सरकार का बजट देखने के बाद शहबाज सरकार को इसलिए भी कोस रही है क्योंकि वो सांस लेने को छोड़कर पाकिस्तानी आजकल हर चीज़ पर भारी टैक्स दे रहे हैं. वहीं हिंदुस्तान की इकोनॉमी बढ़ रही है और पब्लिक से टैक्स कम हो रहा है.
इंडिया में टैक्स में छूट..PAK में कमर गई टूट
इसके जवाब में एक शख्स ने कहा, यहां देखो पाकिस्तान में तो अल्ला माफ करे हर चीज़ पर टैक्स. माचिस की एक डिब्बी है ना बल्कि एक तीली है, उससे लेकर बड़ी से बड़ी जो चीज़ है उस पर टैक्स लिया जा रहा है. पाकिस्तानी कह रहे हैं कि हिंदुस्तान में टैक्स कम हो रहा है और देश अब तीसरे नंबर की इकोनॉमी बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है. इसके मुकाबले पाकिस्तान सिर्फ अपने कर्ज की रकम को बढ़ा रहा है.
पाकिस्तानियों ने माना भारत से मुकाबला नहीं
इसी शो में आगे कुछ मेहमानों ने कहा, 'देखिए ये तो हमको मानना पड़ेगा पाकिस्तान इंडिया से काफी पीछे रह गया है. जैसा की आपने कहा वहां पर 35 लाख तक टैक्स नहीं देना पड़ता. यहां पर पाकिस्तान में 50 हजार रुपये पर भी लोगों को टैक्स देना पड़ता है. पाकिस्तान की सरकार को चाहिए कम से कम गरीबों का ख्याल कर दें. यहां पर उनको दो वक्त की रोटी नहीं मिलती.
चलिए अब पाकिस्तानियों के दर्द को आंकड़ों में समझिए
पाकिस्तानियों का टैक्स वाला दर्द
भारत का एक रुपया पाकिस्तान के 3 रुपये 22 पैसे के बराबर है. इस हिसाब से भारत के 12 लाख रुपये 38 लाख 62 हजार 785 रुपये होते हैं. भारत में 12 लाख रुपये की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता है. जबकि पाकिस्तान में 36 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 27.5 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. यानी जितनी कमाई पर भारतीय टैक्स नहीं देते. उतनी कमाई पर शहबाज़ सरकार कमाई का एक चौथाई टैक्स ले लेती है.
पाकिस्तान में भारत का बजट वायरल
पाकिस्तानी लोगों का कहना है कि इंडिया के साथ कंपेयर कर ही नहीं सकते. पाकिस्तान के 37 लाख रुपये तक उनका टैक्स नहीं है और पाकिस्तानी 50 हजार कौन कहता है 50 हजार, जिसकी 500 रुपये दिहाड़ी है वो एक एक चीज़ पर टैक्स दे रहा है. 5 रुपये की माचिस की डिब्बी पर भी आप टैक्स दे रहे हैं. आप घर से बाहर कदम निकालते हैं तो उस पर भी आपको टैक्स देना पड़ता है.
इस टैक्स का असर सीधे पाकिस्तान में बढ़ रही महंगाई पर पड़ता है. कहा जा रहा है कि टैक्स के नाम पर शहबाज सरकार पाकिस्तानियों का खून चूस रही है. भारत का बजट जारी होने के बाद अब पाकिस्तान की आवाम कह रही है. शहबाज सरकार हिंदुस्तान की सरकार से कुछ तो सीखो
बोली PAK आवाम ..भारत से सबक लें हुक्मरान !
पाकिस्तानी लोग कह रहे हैं कि उनके मुल्क में भी लोगों को राहत मिलनी चाहिए. टैक्स पर टैक्स पाकिस्तान में लग रहा है. बिजली पर टैक्स, खाने में टैक्स, हर चीज़ पर टैक्स है. पाकिस्तान में रात को भी पेट्रोल महंगा हो चुका है. गरीब आवाम कहां पर जाए. सरकार को चाहिए कम से कम इंडिया से सबक ले उन लोगों ने कितना रिलीफ दिया है. हमारे जो सियासतदां हैं, हमारे जो आवाम है मजदूर लोग हैं, गरीब लोग हैं, अगर किसी की 50-60 हजार रुपये अगर सैलरी है तो उसका गुजारा नहीं होता आजकल की महंगाई में. तो हुक्मरानों को चाहिए जो टैक्स लगाए हैं अलग अलग जगहों पर उनको वापस लें.
चलिए अब आप कुछ और आंकड़े देखिए. एक तरफ पाकिस्तान में बेरोज़गारी और कम कमाई से लोग परेशान हैं. दूसरी तरफ टैक्स की वजह से पाकिस्तान में महंगाई भी आउट आउ कंट्रोल है
पाकिस्तान में महंगाई आउट ऑफ कंट्रोल
बिजली — 43 रुपये यूनिट
पेट्रोल — 256 रुपये प्रति लीटर
दूध — 226 रुपये लीटर
टमाटर — 171 रुपये किलो
अंडे — 323 रुपये दर्जन
आटा — 177 रुपये किलो
चीनी — 155 रुपये किलो
टूथपेस्ट — 244 रुपये ट्यूब
ये दाम शनिवार दोपहर तक के थे. हो सकता है खबर आप तक पहुंचने तक पाकिस्तान मे महंगाई और बढ़ गई हो. यानी पाकिस्तान में हर तबका आंसू बहा रहा है. पाकिस्तानियों का एक दर्द और भी है कि वो जो टैक्स देते हैं उन पैसों को भी सरकार कहां उड़ाती है समझ में नहीं आता.
शहबाज टैक्स लगाएं...पैसा कहां जाए?
टैक्स कितने पैसों पर लग रहा है. कितनी तनख्वाह पर लग रहा है ये इश्यू नहीं है. मसला ये है वो टैक्स का पैसा जाता कहां है. किसके फायदे के लिए इस्तेमाल हो रहा है. हमारे फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा. यही वजह है पाकिस्तानी अपनी सरकार की छुट्टी चाहते हैं लेकिन सच्चाई ये है कि चाहें नवाज़ हों या फिर भुट्टो, मौलाना हों या फिर जरदारी. पाकिस्तान की आवाम पर पाकिस्तान के हुक्मरान पड़ रहे हैं भारी. यानि भारत को देखेगा तो पाकिस्तान ऐसे ही रोता ही रहेगा जैसे आज पाकिस्तानी हो रहे हैं.