Tips to Crack UPSC Exam: कहते हैं कि अगर इंसान ठान ले तो उसे मंजिल पाने से कोई भी नहीं रोक सकेगा. एक महिला आईएएस ने फिर से यह साबित कर दिखाया. दसवीं-बारहवीं के पेपर में फेल होने के बावजूद वह पहले ही प्रयास में UPSC क्रैक करके आईएएस बनने में कामयाब रहीं.
Trending Photos
IAS Officer Anju Sharma: UPSC परीक्षा को दुनिया की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक माना जाता है. हर साल देशभर से लाखों उम्मीदवार IAS बनने के लिए इस परीक्षा में शामिल होते हैं लेकिन उसमें सफलता हासिल कर पाने का सौभाग्य गिने-चुने भाग्यशाली युवाओं को ही मिलता है. असल में UPSC परीक्षा को क्रैक करना और IAS अधिकारी बनना आसान नहीं है. इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत, धैर्य और दृढ़ता की जरूरत होती है.
10 और 12वीं के पेपरों में हो गई थीं फेल
आज हम आपको आईएएस अधिकारी अंजू शर्मा (IAS Officer Anju Sharma) की ऐसी प्रेरक कहानी बताते हैं, जिसे पढ़कर आपको भी अंदर से प्रेरणा आने लगेगी. वे 10वीं कक्षा की प्री-बोर्ड परीक्षा में रसायन विज्ञान और 12वीं कक्षा में अर्थशास्त्र में फेल हो गई थीं. इसके बावजूद उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा को क्रैक करने का असाधारण धैर्य दिखाया है.
एग्जाम से पहले हो गई नर्वस
अंजू शर्मा (IAS Officer Anju Sharma) ने एक इंटरव्यू में बताया, 'प्री-बोर्ड परीक्षाओं में बहुत सारे चैप्टर थे. डिनर के बाद जब मैं उन चैप्टर को पढ़ने बैठी तो नर्वस हो गई. मुझे लगा कि मैं प्री-बोर्ड को पास नहीं कर पाऊंगी और अब परीक्षा में फेल होने जा रही हूं. मेरे रिश्तेदार और परिवार के सब लोग इस बात पर जोर दे रहे कि दसवीं में अच्छे नंबर लाना कितना जरूरी है. यही नंबर हमारे भविष्य की पूरी दिशा को तय करते हैं. '
रिजल्ट के बाद शुरू की कड़ी मेहनत
वे कहती हैं, 'जब प्री-बोर्ड का रिजल्ट आया तो सब लोग हैरान थे. उसमें मैं कैमिस्ट्री के एग्जाम में फेल हो गई थी. यही नहीं 2 साल बाद 12वीं में भी मैं इकोनॉमिक्स के पेपर में फेल हो गई थी. हालांकि बाकी सब्जेक्ट्स में मेरे 75 प्रतिशत से ज्यादा नंबर थे. यह मेरे लिए डरावना था. मैंने ऐसे रिजल्ट की कामना नहीं की थी. बाद में मैंने कड़ी मेहनत शुरू की. इसके बाद मैंने जयपुर से बीएससी और एमबीए किया.'
पहले की प्रयास में बन गईं IAS
अंजू (IAS Officer Anju Sharma) बताती हैं कि रुटीन पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने UPSC के एग्जाम में बैठने का फैसला किया. अपने पहले ही प्रयास में वे 22 साल की उम्र में IAS अफसर बनने में कामयाब रहीं. उनकी पहली नियुक्ति वर्ष 1991 में गुजरात के राजकोट में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई. इसके बाद उन्होंने राज्य के अलग-अलग जिलों और विभागों में कार्यभार संभाला. वर्तमान में वे गुजरात के हायर टेक्नीकल एजुकेशन डिपार्टमेंट की प्रिंसिपल सेक्रेटरी हैं.
हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे