Loksabha Election: काफी माथापच्ची के बाद सीटों पर बनी बात... नेता पर कब? I.N.D.I.A में कौन देगा 'कुर्बानी'
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Loksabha Election: काफी माथापच्ची के बाद सीटों पर बनी बात... नेता पर कब? I.N.D.I.A में कौन देगा 'कुर्बानी'

Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन का ऐलान हो गया है. दोनों पार्टियां दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, गोवा और चंडीगढ़ में मिलकर चुनाव लड़ेंगी.

Loksabha Election: काफी माथापच्ची के बाद सीटों पर बनी बात... नेता पर कब? I.N.D.I.A में कौन देगा 'कुर्बानी'

Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन का ऐलान हो गया है. दोनों पार्टियां दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, गोवा और चंडीगढ़ में मिलकर चुनाव लड़ेंगी. कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दिल्ली की 7 सीटों में 4 सीटों पर आम आदमी पार्टी लड़ेगी. दिल्ली सहित 5 राज्यों में इन दोनों दलों ने एक साथ बीजेपी को चुनौती देने की हुंकार भरी है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि दोनों पार्टियां उम्मीदवारों पर कब बात करेंगी? क्योंकि सीटों के बंटवारे के बाद असली परीक्षा नेता चुनने की है. इंडिया गठबंधन पीएम मोदी के सामने किसे उतारेगा?

इंडिया गठबंधन में सीटों पर बन रही बात

राष्ट्रीय राजधानी में नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिण दिल्ली, पूर्वी दिल्ली पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी. दिल्ली की 3 सीट चांदनी चौक, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. हरियाणा में आम आदमी पार्टी कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ेगी. बाकी 9 सीटों पर कांग्रेस का उम्मीदवार उतरेगा. गुजरात की 2 सीट भरूच और भावनगर से आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी. बाकी की 26 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. गोवा की दोनों ही सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. चंडीगढ़ में भी कांग्रेस का ही उम्मीदवार होगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ममता से भी बात बनने की उम्मीद बनाए हुए हैं. हालांकि टीएमसी भाव नहीं दे रही. यूपी में भी समाजवादी पार्टी के साथ सीटों पर बात तय हो चुकी है. महाराष्ट्र में भी बात चल रही है.

आप-कांग्रेस 5 राज्यों में बनी बात

आप-कांग्रेस 5 राज्यों में एक साथ कदमताल कर बीजेपी को पीछे धकेलने की कोशिश में हैं. लेकिन किसान आंदोलन के गढ़ पंजाब की तस्वीर जुदा है. पंजाब की 13 सीटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में सहमति नहीं बन पाई. 5 राज्यों में एक साथ मोदी को घेरने वाले ये दल पंजाब में एक दूसरे से ही भिड़ने को तैयार हैं.

मोदी के खिलाफ विपक्ष एकजुट!

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन बिखरा नजर आ रहा था. AAP और कांग्रेस का ये साथ सियासी समीकरण साधने और चुनाव में अपना फायदा उठाने की जुगत में दिखाई दे रहा है. पहले यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में सीट बंटवारे पर रजामंदी और अब 5 राज्यों में कांग्रेस और AAP के बीच डील, ये दिखाने की कोशिश है कि मोदी के खिलाफ विपक्ष एकजुट है और उनके बीच कोई टकराव नहीं.

कांग्रेस को ममता का झटका

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को ममता बनर्जी ने झटका दे दिया है. लोकसभा की सभी सीटों पर TMC चुनाव लड़ने की तैयारी में है. हालांकि अभी भी राहुल, ममता से बात की उम्मीद बनाए हुए हैं. साथ ही महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में सीटों पर समझौते पर बात चल रही है. सीट बंटवारे पर विपक्षी गठबंधन में अभी भी पेंच फंसा हुआ है. लेकिन असली चुनौती ये नहीं कि कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा बल्कि असली इम्तिहान ये कि 24 में मोदी के सामने विपक्ष का चेहरा कौन होगा? मोदी के सामने विपक्ष का PM उम्मीदवार कौन होगा? I.N.D.I.A गठबंधन में आखिर कौन 'कुर्बानी' देगा?

कौन होगा विपक्ष का चेहरा?

ये सवाल विपक्षी नेताओं को बेचैन किए हुए हैं. साथ ही जनता भी ये जानना चाहती है कि 24 में मोदी के सामने आखिर कौन चुनौती पेश कर सकता है. किसके नाम पर विपक्ष में सहमति बन सकती है. वैसे विपक्ष के कई चेहरे हैं. जैसे कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे. पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी. दिल्ली के सीएम और AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल. एनसीपी शरद गुट के शरद पवार और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव.

सबके अपने सियासी हित और फायदे

लेकिन हर पार्टी और नेता के अपने सियासी हित और फायदे हैं. 2024 में मोदी को हराने की हसरत तो है ही, अपनी महत्वाकांक्षा साधने की इच्छा भी. चेहरे को लेकर विपक्ष में खींचतान पर प्रधानमंत्री मोदी भी तंज कसने में पीछे नहीं हैं. वे कांग्रेस पर हमला करते जा रहे हैं. पीएम ने हाल ही में कहा था कि ये (विपक्ष) अपने परिवार और वोटबैंक से आगे सोच ही नहीं सकते है और जब परिणाम निल बट्टा सन्नाटा आता है तो वह एक-दूसरे को गाली देते हुए अलग हो जाते हैं.

नीतीश पहले ही हो चुके हैं अलग

लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए इंडिया गठबंधन खड़ा किया गया था. लेकिन इस गठबंधन के सूत्रधार रहे नीतीश कुमार अपने रास्ते पहले ही अलग कर चुके हैं. ममता बनर्जी की जिद के आगे भी हर कोई बेबस है. अखिलेश और केजरीवाल के भी नखरे सीट बंटवारे के दौरान दिख चुके हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर मोदी को चुनौती कौन देगा और मोदी के सामने कौन विपक्ष का चेहरा होगा?

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