Rani Mukherjee Film: हिंदी के दर्शक हीरो से बीस साल छोटी हीरोइन को देख कर सीटियां बजाएंगे और पैसे लुटाएंगे, लेकिन हीरोइन उम्र में बड़ी हो और हीरो छोटा तो फिल्म में उनकी दिलचस्पी ही खत्म हो जाती है. क्रिकेट को देश में लोग धर्म कहते हैं, लेकिन रानी मुखर्जी-शाहिद कपूर की फिल्म क्रिकेट वाली कहानी के बावजूद फ्लॉप हो गई.
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Shahid Kapoor Film: 2009 में आई फिल्म दिल बोले हडिप्पा हीरो-हीरोइन की बेमेल जोड़ी के कारण आज भी याद की जाती है. इसमें रानी मुखर्जी और शाहिद कपूर साथ नजर आए थे. रानी मुखर्जी, शाहिद कपूर से तीन साल बड़ी हैं और लोगों ने यह जोड़ी रिजेक्ट कर दी. हालांकि यह सच है कि परदे पर शाहिद, रानी मुखर्जी से उम्र में काफी छोटे नजर आ रहे थे. फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर फेल होने का सबसे बड़ा कारण यही था. अपने पहले वीकेंड में फिल्म ने 11.50 करोड़ रुपये का बिजनेस किया. जबकि टोटल कलेक्शन 31.72 करोड़ का हुआ. फिल्म ट्रेड ने इसे फ्लॉप घोषित किया.
चौंक गया सेंसर बोर्ड
दिल बोले हडिप्पा बड़ी कलरफुल फिल्म थी. फिल्म की लोकेशन से लेकर स्टार्स के कपड़ों तक सब कुछ बहुत रंगीन था. यहां वीरा (रानी मुखर्जी) बहुत अच्छा क्रिकेट खेलती है और भारत की क्रिकेट टीम में शामिल होना चाहती है. लेकिन वह महिला है, पुरुषों की टीम में उसकी एंट्री नहीं हो सकती. तब वीरा भेस बदलकर वीर नाम का लड़का बन जाती है. टीम में उसका सिलेक्शन हो जाता है. मगर बाद में राज खुलता है. फिल्म में भारत-पाकिस्तान का मैच भी था. शाहिद कपूर और रानी मुखर्जी के साथ इसमें अनुपम खेर, शर्लिन चोपड़ा तथा दलिप ताहिल की फिल्म में मुख्य भूमिकाएं थी. अनुराग सिंह ने फिल्म का निर्देशन किया था. यशराज की इस फिल्म ने सेंसर बोर्ड को चौंकाया था क्योंकि तब तक इस बैनर की इमेज पारिवारिक फिल्में बनाने वाले की थी. फिल्म में राखी सावंत और शर्लिन चोपड़ा की ड्रेसों पर बोर्ड ने आपत्ति की. फिल्म में रानी मुखर्जी एक गाने में बिकिनी पहने हुए डांस कर रही थीं. सेंसर ने फिल्म को यू-ए सेर्टिफिकेट दिया.
टाइटल पर टक्कर
शाहिद कपूर की यशराज बैनर के साथ यह पहली फिल्म थी. इसके बाद उनकी 2010 में यहां से एक और फिल्म आई, बदमाश कंपनी. इसके बाद दोनों में ऐसा मनमुटाव हुआ कि दोनों ने मिलकर कभी साथ काम नहीं किया. कारण था कि शाहदि कपूर ने 2012 में आई शुद्ध देसी रोमांस के लिए ना कह दिया था. यह बात आदित्य चोपड़ा को इतनी खराब लगी कि उन्होंने इसके बाद कभी शाहिद कपूर को अपनी किसी फिल्म के लिए एप्रोच नहीं किया. फिल्म का नाम पहले हडिप्पा रखा गया था. लेकिन संजय लीला भंसाली पहले ही हडिप्पा टाइटल रजिस्टर करा रखा था. यशराज फिल्म्स ने भंसाली से शीर्षक के अधिकार देने का अनुरोध भी किया लेकिन वह नहीं माने. तब फिल्म का नाम दिल बोले हडिप्पा रखा गया.
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