Pune Porsche crash: महाराष्ट्र के पुणे पोर्श कांड ने न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि देशभर में खलबली मचाते हुए बिगड़ैल रईसजादों की उन करतूतों की याद दिला दी है जिनमें पापा के पैसों के दम पर कहीं सरेआम उत्पात मचाया गया तो कहीं दहशत फैलाई गई.
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Porsche accident in Pune: पुणे के पोर्श हिट एंड रन केस में कानून अपना काम कर रहा है. वहीं लगातार नए-नए अपडेट भी सामने आ रहे हैं. पुणे की जेजे कोर्ट के फैसले पर भी देशभर में बहस छिड़ गई है. जिसमें उसे 300 शब्दों का निबंध लिखने और ट्रैफिक पुलिस के साथ 15 दिनों तक काम करके की शर्त पर जमानत भी मिल गई. इस नाबालिग रईसजादे ने शराब के नशे में धुत होकर दो होनहार इंजीनियरों की जिंदगी को पापा के पैसों से खरीदी गई लग्जरी पोर्शे कार से रौंद डाला. इस केस में अब दो नए अपडेट सामने आए हैं.
रईस के बेटे की अय्याशी तो देखो!
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक पुणे के बिल्डर के 17 साल के बेटे ने अपनी पोर्शे टायकन से बाइक सवार को टक्कर मारने से पहले एक पब में करीब 90 मिनट गुजारे थे. इस डेढ़ घंटे में उसने 48000 रुपये खर्च किए थे. पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि आरोपी ने 48000 रुपये का बिल कोसी में भुगतान किया गया था. इस गाड़ी का फैंसी नंबर लेने के लिए 45000 रुपए खर्च करने की बात सामने आ रही है लेकिन ये भी बताया जा रहा है कि करीब 1800 रुपए न देने की वजह से इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन पेंडिंग था.
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक पुणे शहर में हुई इस वारदात में शामिल लक्जरी पोर्श कार का स्थायी पंजीकरण मार्च से लंबित था क्योंकि मालिक ने 1,758 रुपये के शुल्क का भुगतान नहीं किया था.
महाराष्ट्र परिवहन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पोर्श इंडिया की वेबसाइट के अनुसार उसकी विभिन्न कारों की एक्स-शोरूम कीमत 96 लाख रुपये से लेकर 1.86 करोड़ से अधिक रुपये तक है. हालांकि वेबसाइट पर पोर्श टायकन मॉडल की कीमत नहीं दी गई है.
महाराष्ट्र के परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार के मुताबिक पोर्श कार मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर ने आयात की थी और वहां से इसे अस्थायी पंजीकरण पर महाराष्ट्र भेजा गया था. जब इसे पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में प्रस्तुत किया गया, तो पता चला कि एक निश्चित पंजीकरण शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है और मालिक को प्रक्रिया पूरी करने के लिए राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया. हालांकि, उसके बाद पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने के लिए वाहन आरटीओ नहीं लाया गया.'
परिवहन विभाग अधिकारियों के अनुसार, महाराष्ट्र में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रोड टैक्स में छूट दी गई है, और इसलिए इस पोर्श टायकन मॉडल के पंजीकरण के लिए लागू पंजीकरण शुल्क केवल 1,758 रुपये था.
वहीं इस केस को जिस तरह से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने डील किया, उसे लेकर पूरे देश में बहस छिड़ गई है. जुवेनाइल बोर्ड ने तो नाबालिग को केवल निबंध लिखने का आदेश देकर छोड़ दिया. मगर जब मामला तूल पकड़ा तो ताबड़तोड़ एक्शन होने लगे. अब इस मामले में नाबालिग रईसजादे के पिता को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है और उसे आज यानी बुधवार को अदालत के सामने पेश किया जाएगा.
पुलिस ने दाखिल की रिव्यू अपील
पुणे हादसे पर जुवेनाइल कोर्ट में अपील दाखिल की गई है. जिसमें पुणे पुलिस ने कोर्ट से इस मामले पर दोबारा विचार करने की मांग की है. पुलिस ने रिव्यू अपील दाखिल की है. पुलिस की मांग है कि आरोपी पर व्यस्क की तरह केस चलाया जाएगा. इस मामले में आज कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है.
'ये हादसा नहीं हत्या है'
जैसे जैसे इस केस से जुड़ी बातें सामने आ रही हैं. लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों में आक्रोश है. उनके अलावा सोशल मीडिया पर लोग कुछ बातों को जानने के बाद ये कह रहे हैं कि ये हादसा नहीं हत्या है.
इस केस में अबतक क्या हुआ?
इस कांड में मृतकों की पहचान अनीश अवधिया (24) और अश्विनी कोष्टा (24) के रूप में हुई है. दोनों IT प्रोफेशनल MP के रहने वाले थे और पुणे में काम करते थे. इस मामले में जब जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को छोड़ दिया तो पुलिस ने उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया. पुणे क्राइम ब्रांच ने इस कांड को अंजाम देने वाले नाबालिग के पिता को पुणे से करीब 250 किलोमीटर दूर छत्रपति संभाजीनगर में अरेस्ट किया था.
रईसजादे के पिता को जानिए
इस बिगड़ैल रईसजादे के पिता का नाम विशाल अग्रवाल है. जो पुणे के रियल एस्टेट के सेक्टर में बड़ा नाम है. विशाल अग्रवाल निर्माण उद्योग समूह ब्रह्मा कॉर्प का मालिक है. ब्रह्मा कॉर्प पिछले 40 वर्षों से पुणे में निर्माण व्यवसाय में अग्रणी कंपनी है. इस कंपनी ने पुणे में कई बड़े हाउसिंग प्रॉजेक्ट बनाये हैं. इस कंपनी ने पुणे में ली मेरिडियन होटल, रेजीडेंसी क्लब जैसे बड़े काम भी पूरे किए हैं.