Best Career Options: अगर बारहवीं के बाद करेंगे GIS का ये खास कोर्स, तो देश ही नहीं विदेश में भी मिलेगी शानदार पैकेज वाली जॉब
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Best Career Options: अगर बारहवीं के बाद करेंगे GIS का ये खास कोर्स, तो देश ही नहीं विदेश में भी मिलेगी शानदार पैकेज वाली जॉब

 Career in GIS: जीआईएस में करियर की अपार संभावनाएं हैं. वहीं, दूसरे देशों में जीआईएस के प्रोफेशनल्स की डिमांड में तेजी से इजाफा हुआ है. ऐसे में कुछ नया और बेहतर करियर की ख्वाहिश रखने वाले युवाओं के लिए यह शानदार अपॉर्चुनिटी हो सकती हैं. 

Best Career Options: अगर बारहवीं के बाद करेंगे GIS का ये खास कोर्स, तो देश ही नहीं विदेश में भी मिलेगी शानदार पैकेज वाली जॉब

Career In Geographic Information System: कई बार हम अपने आसपास या अन्य क्षेत्रों के नक्शे देखते हैं, उसमें स्पष्ट तौर पर एक-एक चीज जैसे मकान पेड़-पौधे, सड़कें, नालियां आदि दर्शाए जाते हैं. कई बार हम इन्हें देखकर सोच में भी पड़ जाते हैं कि यह कैसे ये नक्शे तैयार किए जाते होंगे. दरअसल, ये पूरा काम जीआईएस (GIS) की मदद से किया जाता है. इतना ही नहीं किसी भी टाउन की प्लानिंग, शहर निर्माण और इसरो से लेकर एनआईसी में भी जीआईएस का ही इस्तेमाल किया जाता है. अगर आपके मन में इस तरह के सवाल हैं तो हम आज आपको बताएंगे कि कैसे ये नक्शे बनाए जाते हैं और इस क्षेत्र में कैसे करियर बनाया जा सकता है. आज हम आपको इस आर्टिकल में इस जुड़े करियर स्कोप, जॉब और योग्यता जैसी तमाम डिटेल्स दे रहे हैं. 

जानें क्या है जीआईएस (GIS)
जीआईएस का फुल फॉर्म जिओग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम (Geographical Information System) है. जीआईएस का मतलब है भौगोलिक सूचना प्रणाली. यह धरती की सतह पर मौजूद चीजों से संबंधित डेटा को कैप्चर करने, स्टोर करने, जांचने और प्रदर्शित करने के लिए एक कंप्यूटर सिस्टम है.

इसकी सहायता से ही किसी नक्शे पर सड़कें, भवन और पेड़-पौधे, नदी, पहाड़, जंगल आदि विभिन्न प्रकार का डेटा प्रदर्शित किया जाता है. यह उस क्षेत्र को आसानी से समझने, उसका विश्लेषण और शेयर करने में बहुत मददगार होता है. जीआईएस के जरिए पुराने आंकड़ों के साथ-साथ नए आंकड़ों का अध्ययन और उनका एनालिसिस किया जाता है. 

वर्तमान में GIS की मांग तेजी से बढ़ रही
जीआईएस का इस्तेमाल डेवलपमेंट अथॉरिटी और डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए भी किया जाता है. इसी टेक्नीक के जरिए डिजिटल मैप तैयार किया जाता है. हालांकि, अब भी इंडिया में बेहतर डिजिटल मैप कम ही अवेलेबल हैं. ऐसे में इस क्षेत्र में बेहतर करियर की संभावनाएं और भी बढ़ जाती हैं.  आने वाले समय में GIS का करियर स्कोप ज्यादा होने वाला है.

जरूरी योग्यताएं
12वीं में आर्ट्स (Humanities Stream) के जरिए जियोग्राफी या फिजिक्स के साथ साइंस की पढ़ाई करने के बाद आप बीएससी, बीए, बीटेक या बीई इन जियोग्राफी, जिओलॉजी, अर्थ साइंस, जिओसाइंस आदि से ग्रेजुएशन कर सकते हैं.
इसके अलावा इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए विभिन्न डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेस और मास्टर्स भी कर सकते हैं. बता दें कि इंस्टीट्यूट ऑफ जिओइन्फॉर्मेटिक्स एंड रिमोट सेंसिंग के तहत कई इंस्टीट्यूट विभिन्न कोर्सेस की पढ़ाई कराते हैं.

इन विभागों में मिलती है जॉब 
नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी (NRSA)
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO)
स्पेस ऐप्लीकेशन सेंटर
नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर (NIC)
नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट
मिलिट्री कमांड
अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी
इमरजेंसी मैनेजमेंट
बिजनेस ऐप्लीकेशन
अर्बन डेवलपमेंट
ट्रांसपोर्टेशन मैनेजमेंट

देश के टॉप संस्थान
इंडियन इंस्टीट्यूट रिमोट सेंसिंग, देहरादून,
एमडीएस युनिवर्सिटी अजमेर, राजस्थान,
जीआईएस इंस्टीट्यूट, नोएडा बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रांची,
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रुड़की
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर

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