Deepika Padukone: परीक्षा पे चर्चा के आठवें संस्करण में बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने बच्चों को कैसे तनवा से दूर रहे इस विषय पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि अपने स्ट्रेस के बारे में माता-पिता और शिक्षकों से बात करें.
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Pariksha Pe Charcha 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के कार्यक्रम 'परीक्षा पे चर्चा' (Pariksha Pe Charcha) के आठवें संस्करण में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) ने भाग लिया. इस दौरान उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को छात्रों संग शेयर किया है. जिसकी वीडियो भी एक्ट्रेस ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर की है. इसके साथ ही उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य और परीक्षा के दौरान तनाव को कैसे मैनेज करें इस पर भी बात की.
बचपन में बहुत शरारती थी दीपिका पादुकोण
चर्चा के दौरान दीपिका ने अपने बचपन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनका खेल और गतिविधियों के प्रति झुकाव था. उन्होंने कहा, मैं बचपन में बहुत शरारती थी. आज भी मेरे माता-पिता कहते हैं कि आप दीपिका को कभी भी जमीन पर नहीं पाएंगे. मैं हमेशा सोफे, टेबल और कुर्सियों पर कूदती रहती थी. मुझे एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिवी में ज्यादा इंटरस्ट था. साथ ही साथ एक्ट्रेस ने बताया कि वो लगातार काम करती गईं और एक दिन वह बेहोश हो गईं. कुछ समय बाद उन्हें ये अहसास हुआ कि उन्हें डिप्रेशन था. ऐसे में कोई भी स्ट्रेस आपको अपने ऊपर नहीं लेना चाहिए.
पीएम मोदी का जताया अभार
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए दीपिका ने 'परीक्षा पे चर्चा' के माध्यम से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए धन्यवाद दिया. एक्ट्रेस ने छात्रों से तनाव, शिक्षकों और अभिभावकों के दबाव से निपटने के बारे में बात करने के साथ उन्हें सलाह भी दी. दीपिका ने कहा, उन चीजों पर फोकस करें जिन्हें आप कंट्रोल कर सकते हैं.
बच्चों को दी सलाह
हमेशा अपने माता-पिता और शिक्षकों से अपने तनाव के बारे में बात करें. तनाव क्यों हो रहा इसके कारण की पहचान करें और इसे किसी ऐसे व्यक्ति को बताएं जिस पर आप भरोसा करते हैं. उन्होंने छात्रों को तनाव से निपटने के लिए ध्यान और व्यायाम का अभ्यास करने के लिए भी प्रोत्साहित किया.
खेलकुद के साथ करें सारे काम- दीपिका पादुकोण
दीपिका ने इस बात पर जोर दिया कि गलतियां करना सीखने का एक अहम हिस्सा है. मौज-मस्ती, आराम के साथ आपको सब काम करना चाहिए. वहीं, उन्होंने एक गेम भी खेला जिसमें छात्रों ने कागज के टुकड़ों पर अपनी ताकत लिखी और उन्हें एक बोर्ड पर लगा दिया गया. उन्होंने कहा, यह गेम आपको यह एहसास कराती है कि अगर आप अपनी कमजोरियों के बजाय अपनी ताकत पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आप देखेंगे कि आप कितनी चीजों में अच्छे हैं.
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