Randeep Hooda: रणदीप हुड्डा का ओटीटी डेब्यू तो पिछले साल वेब सीरीज कैट के साथ हो चुका था. अब उनकी नई सीरीज आई है, इंस्पेक्टर अविनाश. लेकिन इस सीरीज के किसी टीवी सीरियल की तरह हर दिन एक-एक एपिसोड रिलीज हो रहे हैं. नतीजा यह कि न तो कहानी बांध पाती है और न ही एक्टरों के परफॉरमेंस. टुकड़ों में आने की वजह से इसकी कहीं खास चर्चा भी नहीं हो रही.
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Inspector Avinash Review: ओटीटी प्लेटफॉर्म अपने दर्शकों को पकड़े रखने के लिए लगातार नए-नए प्रयोग कर रहे हैं. कभी वे कामयाब होते हैं और कभी नाकाम. शुरुआत में ओटीटी की लोकप्रियता इसलिए बढ़ी कि वह एक साथ किसी भी सीरीज के सारे एपिसोड या पूरा एक सीजन एक दिन में, एक समय पर रिलीज कर देता है. लोग देखने बैठते हैं और अपनी सुविधा या समय के हिसाब से देख डालते हैं. परंतु इधर कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म दर्शकों को जबर्दस्ती बांधने के चक्कर में अपनी नई वेब सीरीजों या नए सीजन के सारे एपिसोड एक साथ नहीं डाल रहे, बल्कि उन्हें हफ्तावार टुकड़ों में शेयर कर रहे हैं. परंतु जियोसिनेमा ने इससे भी एक कदम आगे बढ़कर अपनी वेब सीरीज इंस्पेक्टर अविनाश के साथ नया चलन शुरू किया है.
ओटीटी या टीवी चैनल
रणदीप हुड्डा स्टारर इंस्पेक्टर अविनाश आठ एपिसोड की एक सीरीज है, लेकिन ओटीटी ने इसे एक साथ रिलीज नहीं किया है. बल्कि बीते चार दिन से हर रोज इसका एक एपिसोड रिलीज किया जा रहा है. 17 मई से लेकर अभी तक चार एपिसोड आ चुके हैं और बाकी चार आने वाले दिनों में (21 से 24 मई तक) रिलीज होने को तैयार हैं. लेकिन इस तरह से हर दिन एपिसोड रिलीज करने से ओटीटी ने खुद को टीवी चैनल में बदल दिया है. जैसे हर दिन सीरियल का एक एपिसोड आता था और दर्शक उसका इंतजार करते थे, इंस्पेक्टर अविनाश को देखना भी वैसा ही अनुभव है. नतीजा यह कि आपकी इस सीरीज और इसके लीड किरदार के साथ न तो ट्यूनिंग बनती है और न ही इसे देखने का मूड सैट हो पाता है.
कहानी इंस्पेक्टर की
इंस्पेक्टर अविनाश के अब तक के चार एपिसोड औसतन 40 मिनट से पौन घंट तक के हैं. कहानी यूपी के दबंग टाइप इंस्पेक्टर अविनाश मिश्रा (रणदीप हुड्डा) की है, जो अपराधियों का काल है. पहले एपिसोड में इंस्पेक्टर को पता चलता है कि अयोध्या खतरे में है क्योंकि वहां आरडीएक्स पहुंच चुका है. इस बीच मुख्यमंत्री ही हत्या के षड्यंत्री की भी खबर है. इंस्पेक्टर अविनाश माफिया तक पहुंचने की कोशिश में है, ताकि अपराधियों पर काबू किया जा सके. तीसरे एपिसोड में पूछताछ के दौरान एक अपराधी पुलिस कस्टडी में मारा जाता है. ऐसे में इंस्पेक्टर अविनाश को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. जबकि चौथे एपिसोड में एक एनकाउंटर की कहानी है. आगे के चार एपिसोड में पहले सीजन की पूरी कहानी खुलकर सामने आएगी.
फ्री तो है लेकिन
सीरीज की कास्टिंग अच्छी है. उर्वशी रौतेला यहां रणदीप की संस्कारी पत्नी के रूप में हैं, तो अभिमन्यु सिंह, गोविंद नामदेव और किरण कुमार जैसे मंजे हुए एक्टरों को देखना सुखद अनुभव है. फ्रेडी दारूवाला की भूमिका भी रोचक है. सीरीज के राइटर-डायेरक्टर नीरज पाठक हैं. वह अपराध जगत की डीटेलिंग के लिए जाने जाते हैं और यह बात यहां भी नजर आती है. इंस्पेक्टर अविनाश में एक थ्रिल भी है, लेकिन समस्या यही कि हर दिन एक एपसोड देखना और आगे इंतजार करना दर्शक की लय को बिगाड़ देता है. भले ही यह सीरीज फ्री स्ट्रीम हो रही है, परंतु बेहतर होगा कि इसे एक बार पूरी आना जाने दें और तब वीकेंड पर देखें.