Explainer: क‍िसी भी कंपनी का इंश्‍योरेंस...हर अस्‍पताल में होगा इलाज, जान‍िए क्‍या होगा प्रोसेस
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Explainer: क‍िसी भी कंपनी का इंश्‍योरेंस...हर अस्‍पताल में होगा इलाज, जान‍िए क्‍या होगा प्रोसेस

Cashless Treatment: बीमा कंपनी की तरफ से इलाज में खर्च हुए पैसे का भुगतान अस्‍पताल के अकाउंट में क‍िया जाता है. लेक‍िन यद‍ि नॉन-नेटवर्क वाला हॉस्‍प‍िटल है तो पॉल‍िसीहोल्‍डर को इलाज के पूरे पैसे का भुगतान करना होता है.

Explainer: क‍िसी भी कंपनी का इंश्‍योरेंस...हर अस्‍पताल में होगा इलाज, जान‍िए क्‍या होगा प्रोसेस

What is Cashless Everywhere: अभी तक हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेने के बावजूद जरूरत पर आपका इलाज हर हॉस्‍प‍िटल में कैशलेश हो यह जरूरी नहीं. आपको उसी अस्‍पताल में कैशलेश ट्रीटमेंट की सुव‍िधा म‍िलती है जो संबंध‍ित इंशयोरेंस कंपनी के नेटवर्क में होता है. लेक‍िन अब आपको यह प्रॉब्‍लम नहीं होगी. नॉन-लाइफ इंश्‍योरेंस कंपन‍ियों को री-प्र‍िजेंट करने वाली जनरल इंश्योरेंस काउंसिल की तरफ से 'कैशलेश एवरीव्‍हेयर' (Cashless Everywhere) मुह‍िम शुरू की गई है. यहां हम आपको बताएंगे आपको क‍िसी भी अस्पताल में कैशलेस ट्रीटमेंट की सुव‍िधा कैसे म‍िलेगी?

क्या बदलाव होने जा रहा?

अभी कोई भी हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेने वाला कस्‍टमर उन नेटवर्क अस्‍पतालों में ही कैशलेश ट्रीटमेंट करा सकता है ज‍िनके साथ बीमा कंपनी का टाइअप हो. बीमा कंपनी की तरफ से इलाज में खर्च हुए पैसे का भुगतान अस्‍पताल के अकाउंट में क‍िया जाता है. लेक‍िन यद‍ि नॉन-नेटवर्क वाला हॉस्‍प‍िटल है तो पॉल‍िसीहोल्‍डर को इलाज के पूरे पैसे का भुगतान करना होता है. इसके बाद बि‍ल का पैसा बीमा कंपनी से लेने के ल‍िए लंबी दावा प्रक्र‍िया से गुजरना पड़ता है. 'कैशलेस एवरीव्‍हेयर' स‍िस्‍टम में पॉलिसीहोल्‍डर किसी भी अस्पताल में इलाज करा सकता है. भले ही अस्पताल बीमा कंपनी के नेटवर्क में हो या नहीं.

क‍िन बातों को ध्‍यान रखना होगा?
'कैशलेस एवरीव्‍हेयर' स‍िस्‍टम का फायदा उठाने के ल‍िए जीआईसी (GIC) की तरफ से तय दिशानिर्देशों के अनुसार तीन शर्तें हैं. इन शर्तों को पॉल‍िसी होल्‍डर को ध्‍यान में रखना होगा. पहली शर्त यह क‍ि इलेक्‍ट‍िव प्रोसीजर के तहत पॉल‍िसीहोल्‍डर को हॉस्‍प‍िटल में एडम‍िट होने से 48 घंटे पहले बीमा कंपनी को जानकारी देनी होगी. दूसरा यह क‍ि क‍िसी भी इमरजेंसी ट्रीटमेंट की स‍िचुएशन में एडम‍िट होने के कम से कम 48 घंटे के अंदर इंश्‍योरेंस कंपनी को जानकारी देनी होगी. तीसरा यह क‍ि क्‍लेम पॉलिसी की शर्तों के अनुसार होना चाहिए. कैशलेस फैस‍िल‍िटी इंश्‍योरेंस कंपनी की ऑपरेट‍िंग गाइडलाइन के अनुसार हो.

कैसे काम करेगा स‍िस्‍टम
आप ज‍िस भी अस्‍पताल में इलाज करा रहे हैं यद‍ि वह बीमा कंपनी के नेटवर्क में नहीं है तो आपको या अस्‍पताल को पहले न‍ियमानुसार इंश्‍योरेंस कंपनी को सूच‍ित करना होगा. इसके बाद बीमा कंपनी की तरफ से अस्‍पताल को दूसरे इंश्‍योरेंस कंपन‍ियों की तरफ से तय पैनल की दर के अनुसार भुगतान क‍िया जाएगा. यह भी संभव है क‍ि इंश्‍योरेंस कंपनी, संबंध‍ित अस्‍पताल को दूसरी इंश्‍योरेंस कंपनी के जर‍िये भुगतान करें. इस बारे में पूरी स्‍थ‍िति आने वाले समय में साफ होगी.

कैशलेश एवरीव्‍हेयर सिस्टम के फायदे
हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसीहोल्‍डर को क‍िसी भी अस्‍पताल में कैशलेस इलाज म‍िल सकेगा. उन्हें अस्पताल में एडम‍िट होने के समय क‍िसी प्रकार का भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी. इससे नेटवर्क से अलग अस्‍पताल में इलाज करानेपर पॉल‍िसीहोल्‍डर के समय की बचत होगी. साथ ही अस्‍पताल में भर्ती होने के ल‍िए लंबी कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी. कैशलेश एवरीव्‍हेयर सिस्टम हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसीहोल्‍डर्स के ल‍िए काफी सुविधाजनक और समय बचाने वाली सुव‍िधा है.

आपको बता दें नॉन-नेटवर्क वाले अस्पताल में हुए खर्च का भुगतान मौजूदा नेटवर्क वाले बीमाकर्ताओं की दर पर आधारित होगा. जीआईसी की तरफ से बताया गया क‍ि नॉन-नेटवर्क वाले अस्पतालों में कैशलेस ट्रीटमेंट की सुव‍िधा तुरंत लागू होगी. आपको बता दें मौजूदा समय में करीब 63% ग्राहक कैशलेस क्‍लेम का ऑप्‍शन चुनते हैं. लेक‍िन बाकी को इलाज में खर्च हुए पैसे के भुगतान के ल‍िए दावा करना पड़ता है.

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