BRICS की बढ़ती सदस्य संख्या भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. BRICS अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए एक शक्तिशाली दबाव समूह बन सकता है.
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India In UNSC: रूस के कजान शहर में BRICS शिखर सम्मेलन का आयोजन दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस बार ब्रिक्स के सदस्य देशों की बढ़ी हुई संख्या ने भी दुनिया के राजनीतिक विश्लेषकों का भी ध्यान खींचा. इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं. लेकिन इस दौरान उनकी तरफ से एक सबसे खास जिक्र संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार का भी रहा. पीएम मोदी दुनिया को यह बताना नहीं भूले कि BRICS का परिवार बढ़ा है अब UNSC का भी बढ़ना चाहिए. आखिर PM मोदी को बार-बार UNSC का जिक्र क्यों करना पड़ रहा है, इसके मायने समझे जाने चाहिए.
असल में भारत लंबे समय से UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए जोर दे रहा है, और पीएम मोदी ने कई वैश्विक मंचों पर इस मांग को दोहराया है. इस बार BRICS मंच से भी उन्होंने इस विषय को उठाया. PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि BRICS का विस्तार इसका सम्मान बढ़ाता है और इसकी जिम्मेदारी भी. उन्होंने जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि वहां अपनाए गए सिद्धांतों, मानकों और प्रक्रियाओं का सभी सदस्य देशों द्वारा पालन किया जाना चाहिए. इसी संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे संस्थानों में समयबद्ध तरीके से सुधार की जरूरत है.
वैसे भी BRICS की बढ़ती सदस्य संख्या भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. BRICS अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए एक शक्तिशाली दबाव समूह बन सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि जो भी देश UNSC का स्थायी सदस्य बनता है, वह वैश्विक राजनीतिक और सुरक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. भारत जैसे बड़े लोकतंत्र और उभरती अर्थव्यवस्था के लिए यह सदस्यता अत्यधिक महत्वपूर्ण है.
इसके अलावा, पीएम मोदी ने आतंकवाद पर भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ BRICS देशों को एकजुट होकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. इस मुद्दे पर BRICS देशों की सक्रियता जरूरी है क्योंकि यह न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है.
प्रधानमंत्री मोदी ने अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान भी UNSC में सुधार की बात को प्रमुखता से उठाया था. उन्होंने कहा कि वैश्विक संस्थानों को वर्तमान समय की जरूरतों के अनुसार बदलने की आवश्यकता है, ताकि वे सभी देशों की वास्तविकताओं को जान सकें. दुनिया में भारत का कद और प्रभाव अब इतना बड़ा हो चुका है कि उसकी आवाज को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा संस्थानों में से एक है, जिसका उद्देश्य वैश्विक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है. यह एकमात्र ऐसा अंग है जो अपने सदस्य देशों पर बाध्यकारी प्रस्ताव जारी कर सकता है और नए सदस्य देशों की सिफारिश कर सकता है. इसके पास युद्ध को रोकने, शांति मिशनों को स्वीकृति देने, और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को लागू करने जैसे महत्वपूर्ण अधिकार हैं. हालांकि, इसके मौजूदा स्वरूप में पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, और ब्रिटेन हैं.