Jammu and Kashmir: 'विधायक से बड़ा आदमी बने' सुनील शर्मा कौन हैं? जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहली बार भाजपा का विपक्ष का नेता
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Jammu and Kashmir: 'विधायक से बड़ा आदमी बने' सुनील शर्मा कौन हैं? जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहली बार भाजपा का विपक्ष का नेता

Jammu and Kashmir Legislative Assembly: जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री सुनील शर्मा ने 2022 के परिसीमन के बाद बनाए गए नए निर्वाचन क्षेत्र पद्दर नागसेनी से मामूली अंतर से जीतकर विधानसभा में दूसरा कार्यकाल सुनिश्चित कर लिया. अब भाजपा ने उन्हें एक नई और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. 

Jammu and Kashmir: 'विधायक से बड़ा आदमी बने' सुनील शर्मा कौन हैं? जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहली बार भाजपा का विपक्ष का नेता

Who Is Sunil Sharma: केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सुनील शर्मा को विधानसभा में विपक्ष का नेता (LoP) नियुक्त किया है. भाजपा के विधायक दल की बैठक में रविवार को सुनील शर्मा को भाजपा विधायक दल के नेता के तौर पर चुना गया. इसके साथ ही नरेंद्र सिंह को विधानसभा का उपाध्यक्ष चुना गया. जम्मू कश्मीर विधानसभा में पहली बार भाजपा को विपक्ष के नेता का पद मिला और उसने सुनील शर्मा को यह नई और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.

लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंचे 47 वर्षीय सुनील शर्मा

विधानसभा में विपक्ष का नेता चुने जाने के बाद सुनील शर्मा ने कहा, 'मैं बहुत सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के पूरे नेतृत्व का दिल से धन्यवाद देता हूं.” साल 2022 की परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अस्तित्व में आए नए निर्वाचन क्षेत्र पद्दर नागसेनी से मामूली अंतरों से जीत हासिल कर 47 वर्षीय सुनील शर्मा दूसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं.

पीडीपी-भाजपा सरकार में राज्य मंत्री रहे हैं सुनील शर्मा

इससे पहले साल 2014 से 2018 तक पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में सुनील शर्मा राज्य मंत्री के रूप में शामिल रहे हैं. उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री के साथ-साथ स्वतंत्र प्रभार के साथ परिवहन के रूप में कार्य किया था. अब वह जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. जम्मू कश्मीर विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी भाजपा को पहली बार सुनील शर्मा के रूप में विपक्ष का नेता मिला है. 

पद्दर-नागसेनी सीट पर 1546 मतों से जीते हैं सुनील शर्मा

जम्मू कश्मीर विधानसभा में दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए भाजपा नेता सुनील शर्मा का पद्दर नागसेनी सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस की अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी पूजा ठाकुर से मुकाबला था. पूजा ठाकुर किश्तवाड़ जिला विकास परिषद (डीडीसी) की मौजूदा अध्यक्ष हैं. भारत के चुनाव आयोग के अनुसार, सुनील शर्मा ने पूजा ठाकुर के खिलाफ पद्दर-नागसेनी सीट पर 1546 मतों से जीत हासिल की.

2014 में सुनील शर्मा ने किया था किश्तवाड़ का प्रतिनिधित्व

सुनील शर्मा ने 2014 के विधानसभा चुनावों में किश्तवाड़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. उन्होंने 12वीं कक्षा तक अपनी शिक्षा पूरी की है और उनका रिकॉर्ड साफ-सुथरा है. शर्मा पर कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है. उन्हें जम्मू-कश्मीर में, खासकर अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद भाजपा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय भी दिया जाता है.

"उन्हें विधायक बनाओ और हम उन्हें बड़ा आदमी बना देंगे"

सुनील शर्मा भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ घनिष्ठ संबंध रखते हैं, जिसके कारण उन्हें विधानसभा चुनावों में पार्टी के दूसरे उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने की जिम्मेदारी भी लेनी पड़ी थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय नेताओं ने उनके समर्थन में एक रैली की, जहां शाह ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा, "उन्हें विधायक बनाओ, और हम उन्हें बड़ा आदमी बना देंगे."

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 में नामांकन पत्र दाखिल करने के समय दिए हलफनामे के अनुसार, सुनील शर्मा की कुल संपत्ति 3.7 करोड़ रुपये है, जिसमें 68.7 रुपये लाख चल संपत्ति और 3 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है. उनकी देनदारियां 3.1 लाख रुपये हैं.

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केंद्र शासित प्रदेश में भाजपा ने  हासिल कीं रिकॉर्ड 29 सीटें

भाजपा ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 29 सीटें हासिल कीं. पहली बार 2015 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ सरकार बनाकर भाजपा जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आई थी, जो जून 2018 तक बनी रही. भाजपा-पीडीपी सरकार गिरने के बाद जम्मू कश्मीर में लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन लगा रहा. इसके बाद आर्टिकल 370 हटाए जाने, विशेष दर्जा खत्म होने, केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने और लद्दाख के अलग होने के बाद जम्मू कश्मीर में 10 साल के बाद विधानसभा चुनाव कराया गया था.

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