कैल्शियम एक जरूरी खनिज है जो हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों में अहम भूमिका निभाता है, जैसे हड्डी स्वास्थ्य, मांसपेशी के काम, खून के थक्का बनना और नर्वस सिस्टम का सही काम.
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कैल्शियम एक जरूरी खनिज है जो हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों में अहम भूमिका निभाता है, जैसे हड्डी स्वास्थ्य, मांसपेशी के काम, खून के थक्का बनना और नर्वस सिस्टम का सही काम. हमारे शरीर को रोजाना लगभग एक हजार मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है. जब खून में कैल्शियम का लेवल कम हो जाता है तो हाइपोकैल्सीमिया नामक स्थिति उत्पन्न होती है.
हाइपोकैल्सीमिया के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में गंभीर हो सकते हैं. इतना ही नहीं, कैल्शियम दिल की मांसपेशियों के ठीक से काम करने के लिए जरूरी है. कैल्शियम का स्तर कम होने से अनियमित हार्ट रेट हो सकती है, जो धड़कनों के तेज होने या अनियमित हार्ट रेट के रूप में प्रकट हो सकती है. आइए जाने कैल्शियम की कमी के कुछ संकेत और लक्षण.
मांसपेशियों में ऐंठन और खिंचाव
कैल्शियम की कमी का एक शुरुआती लक्षण मांसपेशियों की कमजोरी है. अक्सर मांसपेशियों में ऐंठन, खिंचाव या सामान्य थकान का अनुभव हो सकता है. कैल्शियम मांसपेशियों के सिकुड़ने के लिए जरूरी है और इसकी कमी से मांसपेशियों का काम करने का तरीका बिगड़ सकता है.
झुनझुनी और सुन्नपन
कैल्शियम नर्वस संचालन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कम कैल्शियम लेवल के कारण झुनझुनी या सुन्नपन की अनुभूति हो सकती है, खासकर उंगलियों और पैरों के अंगूठे में.
हड्डी और दांत की समस्याएं
लंबे समय तक कैल्शियम की कमी का सबसे प्रसिद्ध परिणाम हड्डी से संबंधित समस्याओं का बढ़ा हुआ जोखिम है. ऑस्टियोपोरोसिस, जिसमें हड्डियां कमजोर और छिद्रित हो जाती हैं और ऑस्टियोपेनिया कम कैल्शियम लेवल के कारण विकसित हो सकते हैं. कैल्शियम की कमी दांतों को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे दांत का इनामेल कमजोर होना, दांतों में सड़न और मसूड़ों की बीमारी हो सकती है. मजबूत दांतों और जबड़े की हड्डियों के लिए पर्याप्त कैल्शियम आवश्यक है.
अनहेल्दी नाखून और स्किन
कैल्शियम की कमी आपके नाखूनों और स्किन की सेहत को भी प्रभावित कर सकती है. भंगुर नाखून और अत्यधिक ड्राई स्किन कैल्शियम की कमी के संकेत हो सकते हैं. कैल्शियम स्किन सेल्स पुनर्जनन और रखरखाव की प्रक्रिया में शामिल है. नाखूनों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें.