सिगरेट छोड़ने के बाद शरीर में किस-किस तरह के बदलाव होते हैं और समय के साथ कैसे शरीर खुद को ठीक करता है. आइए जानते हैं कि सिगरेट छोड़ने के बाद शरीर में क्या होता है?
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सिगरेट पीना एक बुरी आदत है जो आपकी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाती है. सिगरेट में मौजूद निकोटीन और अन्य हानिकारक केमिकल आपके फेफड़ों, दिल, और शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करते हैं. अगर आप सिगरेट पीते हैं तो आपको इसे छोड़ देना चाहिए. धूम्रपान छोड़ना शायद एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन इसके फायदे अद्भुत हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सिगरेट छोड़ने के बाद शरीर तुरंत ही खुद को ठीक करना शुरू कर देता है. यह प्रक्रिया न केवल आपकी सेहत में सुधार लाती है, बल्कि आपको लंबी और हेल्दी जिंदगी जीने का मौका भी देती है. आइए जानते हैं, सिगरेट छोड़ने के बाद शरीर में किस-किस तरह के बदलाव होते हैं और समय के साथ कैसे शरीर खुद को ठीक करता है. आइए जानते हैं कि सिगरेट छोड़ने के बाद शरीर में क्या होता है?
20 मिनट में: हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर में गिरावट
सिगरेट का आखिरी कश लेने के 20 मिनट बाद ही आपका शरीर खुद को सुधारना शुरू कर देता है. आपका हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर नॉर्मल लेवल पर लौटने लगते हैं. यह छोटे-छोटे सुधार आपको धूम्रपान छोड़ने के बाद महसूस होने लगते हैं, जो आगे जाकर बड़े लाभों में बदलते हैं.
12 घंटे में: खून में कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल नॉर्मल होता है
धूम्रपान के दौरान, कार्बन मोनोऑक्साइड नामक जहरीली गैस आपके खून में पहुंच जाती है, जिससे ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. सिगरेट छोड़ने के 12 घंटे बाद, आपके खून में कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल नॉर्मल हो जाता है, जिससे आपकी ऑक्सीजन की मात्रा फिर से बैलेंस हो जाती है.
2-12 हफ्तों में: कम्युनिकेशन सिस्टम में सुधार और फेफड़ों की कार्यक्षमता में वृद्धि
सिगरेट छोड़ने के दो से 12 हफ्तों बाद, आपके शरीर का कम्युनिकेशन सिस्टम सुधारने लगता है. आपकी नसें चौड़ी होती हैं, जिससे खून का फ्लो बेहतर होता है. इसके साथ ही फेफड़ों की कार्यक्षमता भी बढ़ जाती है, जिससे सांस लेने में आसानी महसूस होती है.
1-9 महीने में: खांसी और सांस की तकलीफ में कमी
लगातार धूम्रपान से आपकी श्वसन प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे खांसी और सांस लेने में दिक्कत होती है. लेकिन सिगरेट छोड़ने के एक से नौ महीने के भीतर, आपकी खांसी और सांस की तकलीफ कम हो जाती है. फेफड़ों की सिलिया, जो म्यूकस और धूल के कणों को साफ करती हैं, वे फिर से अपनी कार्यक्षमता हासिल करने लगती हैं.
1 साल में: दिल की बीमारी का खतरा आधा हो जाता है
सिगरेट छोड़ने के एक साल बाद, दिल की बीमारी का खतरा आधा हो जाता है. धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की तुलना में आपका दिल अब ज्यादा हेल्दी होता है. यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो आपके लंबे समय तक की सेहत में बड़ा अंतर ला सकता है.
5-15 साल में: स्ट्रोक का खतरा कम
सिगरेट छोड़ने के 5 से 15 साल बाद, स्ट्रोक का खतरा नॉन-स्मोकर जितना कम हो जाता है. आपका ब्लड प्रेशर स्थिर रहता है और नसों में खून का फ्लो बेहतर होता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक घट जाता है.
10 साल में: फेफड़ों के कैंसर का खतरा आधा हो जाता है
धूम्रपान छोड़ने के 10 साल बाद, फेफड़ों के कैंसर का खतरा धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की तुलना में आधा हो जाता है. साथ ही, मुंह, गला, मूत्राशय, सर्विक्स और पैंक्रियास के कैंसर का खतरा भी काफी हद तक घट जाता है.
15 साल: दिल की बीमारी का खतरा नॉन-स्मोकर जितना हो जाता है
सिगरेट छोड़ने के 15 साल बाद, आपका दिल की बीमारी का खतरा पूरी तरह से एक ऐसे व्यक्ति जितना हो जाता है जिसने कभी धूम्रपान नहीं किया. यह दर्शाता है कि आपका शरीर धूम्रपान से होने वाले सभी नुकसानों को सुधार चुका है.