#DeathLoan: लोन कंपनी के 'वसूली गैंग' का 'हिसाब' करो, नितिन देसाई को इंसाफ दो..
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#DeathLoan: लोन कंपनी के 'वसूली गैंग' का 'हिसाब' करो, नितिन देसाई को इंसाफ दो..

DNA Analysis: मशहूर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई. जिन्होंने 2 अगस्त को अपने ND स्टूडियो में फांसी लगाकर Suicide कर लिया था. इसके बाद नितिन देसाई को सब भूल गये. लेकिन हम नितिन देसाई को नहीं भूले हैं. हमें याद है कि कैसे फाइनेंस कंपनी, Edelweiss के वसूली गैंग ने नितिन देसाई को इतना प्रताड़ित किया कि उन्हें Suicide करना पड़ गया.

#DeathLoan: लोन कंपनी के 'वसूली गैंग' का 'हिसाब' करो, नितिन देसाई को इंसाफ दो..

DNA Analysis: मशहूर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई. जिन्होंने 2 अगस्त को अपने ND स्टूडियो में फांसी लगाकर Suicide कर लिया था. इसके बाद नितिन देसाई को सब भूल गये. लेकिन हम नितिन देसाई को नहीं भूले हैं. हमें याद है कि कैसे फाइनेंस कंपनी, Edelweiss के वसूली गैंग ने नितिन देसाई को इतना प्रताड़ित किया कि उन्हें Suicide करना पड़ गया. इसलिए Zee News ने नितिन देसाई को इंसाफ दिलवाने की मुहिम शुरु की है. अपनी इस मुहिम के Part One में हम नितिन देसाई की मौत के जिम्मेदार, Edelweiss के अधिकारियों के खिलाफ Charge Frame करेंगे, जो FIR दर्ज होने के बावजूद, अभी भी गिरफ्तार नहीं हुए हैं.

तो सबसे पहले हम एक-एक करके नितिन देसाई के गुनहगारों की Profile आपको बताते हैं...

आरोपी नंबर 1
रशेष शाह, Edelweiss के चेयरमैन

आरोपी नंबर 2
स्मित शाह, Edelweiss के अधिकारी 

आरोपी नंबर 3
केयुर मेहता , Edelweiss के अधिकारी

आरोपी नंबर 4
R.K. Bansal, Edelweiss Asset Reconstruction Company यानी E.A.R.C के अधिकारी

और आरोपी नंबर 5
जितेंद्र कोठारी, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के अधिकारी

इन पांचों लोगों ने मिलकर, नितिन देसाई को इतना सताया, इतना प्रताड़ित किया, कि कर्ज चुकाने की पूरी मंशा होने के बावजूद, नितिन देसाई को अपनी जान लेनी पड़ गई. इन पांचों लोगों के नाम, नितिन देसाई Suicide केस में दर्ज FIR में भी शामिल हैं, ये FIR, नितिन देसाई की पत्नी, नेहा देसाई ने दर्ज करवाई थी. और इस FIR में नेहा देसाई ने Edelweiss के वसूली गैंग की पूरी Modus Operandi का खुलासा किया था...FIR के मुताबिक..

Edelweiss के अधिकारियों ने कर्ज में, ND Studio पर कब्जा करने के लिए, नितिन देसाई को मानसिक रूप से परेशान किया . Edelweiss अधिकारियों द्वारा, नितिन देसाई पर डाले जा रहे Pressure की वजह से वो डिप्रेशन से पीड़ित थे. नितिन देसाई, धीरे-धीरे करके पूरा लोन चुका देने के लिए तैयार थे, लेकिन Edelweiss के अधिकारी, तुरंत लोन चुकाने के लिए नितिन देसाई को मजबूर कर रहे थे.

नितिन देसाई के परिवार का आरोप है कि Edelweiss के अधिकारियों  ने नितिन देसाई के पास, अपनी जान दे देने के अलावा कोई विकल्प छोड़ा ही नहीं था. और अब जब नितिन देसाई इस दुनिया में नहीं हैं, तब भी Edelweiss के अधिकारियों को चैन नहीं पड़ा है. पहले जो प्रताड़ना, और Pressure, नितिन देसाई पर डाला जा रहा था, अब नितिन देसाई के परिवार पर डाला जा रहा है . यानी वसूली गैंग अभी भी Active है...Zee News के कैमरे पर ये सारे आरोप लगाते हुए, नितिन देसाई के चाचा श्रीकांत देसाई रो पड़े.

नितिन देसाई का पूरा परिवार आरोप लगा रहा है कि नितिन देसाई की मौत का जिम्मेदार, पूरी तरह से Edelweiss कंपनी के कर्ता-धर्ता हैं. पुलिस की FIR में Edelweiss के चेयरमैन रशेष शाह का नाम होना इसका सबूत है. इसके बावजूद अभी तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. और Edelweiss के वसूली गैंग को भरोसा है कि उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा. ये Confidence ही है, जो Edelweiss का वसूली गैंग अभी भी नितिन देसाई के परिवार को धमका रहा है. 

नितिन देसाई के चाचा श्रीकांत देसाई ने Zee News के कैमरे पर एक और बड़ा खुलासा किया है. श्रीकांत देसाई ने बताया कि कैसे Stage By Stage Edelweiss के वसूली गैंग ने Loan Recovery के नाम पर नितिन देसाई को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया. श्रीकांत देसाई के मुताबिक कोरोना की वजह से ND Studio के फाइनेंस में दिक्कतें आ रही थीं. इसकी वजह से Edelweiss को लोन की किश्तें चुकाने में देरी ही हो रही थी. लेकिन कोरोना काल के दौरान, लोन चुकाने में जो रियायतें दी जानी चाहिए थीं, वो Edelweiss कंपनी ने नहीं दी. इसके बावजूद नितिन देसाई ने 181 करोड़ रुपये के लोन में से 90 करोड़ रूपये चुका दिये थे. 

लेकिन लगातार ब्याज़ बढ़ाते हुए Edelweiss कंपनी ने उन्हें पूरा लोन चुकाने के लिए प्रताड़ित किया. मामला National Company Law Tribunal यानी NCLT में जाने के बावजूद, स्टूडियो खाली करने का दबाव बनाया जा रहा था. आरोप है कि Edelweiss के अधिकारियों की तरफ से नितिन देसाई को धमकी दी जा रही थी कि सुरक्षाकर्मी और Bouncers के जरिये स्टूडियो पर कब्जा किया जाएगा.

हत्या करने के लिए चाकू मारना या गोली चलाना ही जरूरी नहीं है. किसी को इतना मानसिक तनाव दे देना कि वो आत्महत्या ही कर ले, ये भी हत्या जैसा ही अपराध है. जो नितिन देसाई के साथ हुआ. लेकिन अब उनका परिवार इंसाफ चाहता है और मांग कर रहा है कि नितिन देसाई को खुदकुशी करने के लिए मजबूर करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी हो... Edelweiss अधिकारियों के खिलाफ इतने सबूत और गवाह होने के बावजूद, महाराष्ट्र पुलिस इस मामले की जांच कछुए की चाल से कर रही है. और नितिन देसाई का परिवार, इंसाफ के लिए भटक रहा है. Edelweiss कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज, FIR के बावजूद पुलिस कार्रवाई करने में हिचकिचा रही है.

इस मामले में रायगढ़ पुलिस के ACP विक्रम कदम मामले की जांच कर रहे है. पुलिस के मुताबिक इस केस में अभी तक 20 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा चुकी है. इसके अलावा पुलिस ने ND STUDIO से जुड़े लोगों से भी पूछताछ की है. पुलिस ने नितिन देसाई के Audio Clips भी जब्त किये हैं. लेकिन इतना सब होने के बावजूद पुलिस ने अभी तक FIR में नामजद, Edelweiss कंपनी के किसी अधिकारी से पूछताछ तक करना जरूरी नहीं समझा. लेकिन पुलिस कह रही है कि उसके पास, नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने लायक सबूत नहीं हैं. इसलिए हम महाराष्ट्र पुलिस से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं.

-क्या नितिन देसाई के वो Audio Clips पर्याप्त सबूत नहीं हैं, जो उन्होंने खुदकुशी करने से पहले Record किये थे, जिसमें उन्होंने Edelweiss कंपनी के अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किये जाने के आरोप लगाए थे. 

-क्या नितिन देसाई की पत्नी ने FIR में जो आरोप लगाए हैं, वो Edelweiss कंपनी के वसूली गैंग के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने के लिए पर्याप्त नहीं हैं ?

-और महाराष्ट्र पुलिस को FIR होने, गवाह होने और सबूत होने के बावजूद, आरोपियों से पूछताछ करने की जरूरत महसूस क्यों नहीं हो रही.

-क्या इतने सबूत और गवाह होने के बावजूद, महाराष्ट्र पुलिस ये मानकर चल रही है कि Edelweiss कंपनी के वसूली गैंग की तरफ से नितिन देसाई को कोई धमकी नहीं दी गई, नितिन देसाई को खुदकुशी करने के लिए मजबूर नहीं किया गया?

-और अगर पुलिस की जांच में नितिन देसाई को प्रताड़ित किया जाना, साबित हो चुका है तो फिर पुलिस, नामजद आरोपियों के खिलाफ एक्शन लेने में हिचकिचा क्यों रही है? 

ऐसा लग रहा है कि पुलिस चाहती है कि आरोपियों को कोर्ट से राहत मिल जाये, ताकि आरोपियों को बचाया जा सका. क्योंकि Edelweiss कंपनी की तरफ से 8 अगस्त को नितिन देसाई सुसाइड केस में दर्ज FIR को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. 11 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश देने से इंकार कर दिया था. यानी हाईकोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस को कार्रवाई करने से नहीं रोका है. लेकिन पुलिस ने अभी तक किसी आरोपी से पूछताछ तक नहीं की है. जिससे ऐसा लगता है की पुलिस जान-बूझकर इस मामले को दबाकर बैठी हुई है.

अगर किसी आम आदमी पर चोरी का आरोप लग जाए, तो पुलिसवाले सबूत ना होते हुए भी तुरंत कार्रवाई करते हैं. लेकिन इतने बड़े आर्ट डायरेक्टर ने सुसाइड कर लिया और पुलिसवाले, उनकी मौत के जिम्मेदार  Edelweiss कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ करने तक की हिम्मत नहीं जुटा रही है. हमारा मकसद है कि नितिन देसाई को इंसाफ मिले  और Edelweiss कंपनी के वसूली गैंग के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई हो, ताकि दोबारा कोई नितिन देसाई इनका शिकार ना बन जाए.

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