Asaduddin Owaisi on UCC: हैदराबाद से सांसद और AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी यूसीसी के मुद्दे पर खूब आग उगल रहे हैं. उन्होंने मंगलवार को एक बार फिर सरकार को चेतावनी दी कि मुसलमानों के मसले में टांग अड़ाई तो अच्छा नहीं होगा.
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Asaduddin Owaisi Latest Statement on UCC: लॉ कमीशन ने समान नागरिक संहिता (UCC) पर देश के सभी लोगों से अपने विचार मांगे है. इसके बाद से इस साल के अंत तक देश में UCC लागू होने की सुगबुगाहट जोर पकड़ रही है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी एक चुनावी भाषण में यूसीसी की जरूरत पर जोर दिया था. सरकार की इस पहल के खिलाफ मुस्लिम संगठन एकजुट होकर इसके विरोध में उतरने लगे हैं. AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी UCC के खिलाफ जमकर आग उगल रहे हैं.
'UCC इनका पुराना एजेंडा'
ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मंगलवार को कहा, UCC इनका पुराना एजेंडा रहा है. तारीख में हमें मिलता है कि 1931 में गांधी जी ने कहा था कि भारत के मुसलमानों की शरीयत में दखल नहीं देंगे. लेकिन यहां पर बार बार कहा जाता है कि देश में एक समान कानून होना चाहिए. हमारे वजीरे आजम (नरेंद्र मोदी) ने भी कहा कि एक घर में दो कानून कैसे रह सकते हैं. लेकिन उन्हें शायद मालूम नहीं कि NE में एक ऐसा राज्य है, जहां पर CRPC लागू नहीं होता है.
AIMIM के अध्यक्ष ने आगे कहा, 'हमारे वतन में ये भी कानून है कि औरंगाबाद से जाकर कोई व्यक्ति हिमाचल में AGRI LAND नहीं ले सकता है.
अब देश के पीएम जानते हैं या नहीं जानते हैं लेकिन ये मौजूद है. नागालैंड और मिजोरम को हमने धारा- 371 के तहत संरक्षित कर दिया है यानी कि उसे स्वशासन का अधिकार दे दिया है.'
'कुरान के मुताबिक जिंदगी का अधिकार'
शरिया कानून की वकालत करते हुए ओवैसी (Asaduddin Owaisi) बोले, 'ये जो SHARIA ACT है. ये आपको इजाजत देता है कि आप अपनी जिंदगी कुरान के मुताबिक गुजारें. जब संविधान बन रहा था तो इस एक्ट को नहीं हटाया गया. जो बात अंबेडकर और कानून बनाने वालों ने नहीं सोची, वो अब बीजेपी सोच रही है. सरकार को पता होना चाहिए कि इंग्लैंड में दो CRIMINAL LAW हैं. पड़ोस में श्रीलंका है, वहां पर PERSONAL LAW है. ISRALE, SINGAPORE में भी पर्सनल लॉ है.'
'शरीयत पर कोई समझौता नहीं'
ओवैसी ने सरकार के चेताया कि शरीयत जिंदगी जीने का एक रास्ता है. उस पर कोई COMPROMISE नहीं किया जा सकता है. अगर आपका CUSTOM है तो मेरा भी CUSTOM है. अगर RSS समझ रही है कि मुल्ला जी को निशाना बनाएंगे तो वह गलतफहमी में है. इन्हें बिलकिस बानो का जुल्म याद नहीं आया. बच्चियों का हिजाब खींचा जाता है, वो याद नहीं आया. अब बात करते हैं कि मुस्लिम बच्चियों को उनका हक दिलवाएंगे.
अखाड़ा परिषद ने UCC का किया समर्थन
AIMIM के राग के उलट साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Akhara Parishad on UCC) यूनिफॉर्म सिविल कोड के समर्थन में खुलकर सामने आ गई है. अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरी गिरी महराज ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करने वाले राजनैतिक दल और मुस्लिम संगठनों को भी आड़े हाथों लिया है.
'सभी धर्म और पंथ के लोग करें समर्थन'
उन्होंने कहा कि यह कानून देश हित में है, इसलिए सभी धर्म और पंथ को इसका समर्थन करना चाहिए. महंत हरी गिरी ने विरोध करने वालों से इसका अध्ययन करने की अपील की है. वहीं निरंजनी अखाडा के आचार्य महामडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने से पूरे देश में अलख जगेगी और देशभर में यह कानून लागू होगा.