Assam News: असम की एक अदालत ने USTM के चांसलर को 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है. पुलिस ने उन्हें स्टूडेंट्स को इम्तिहान में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने की इजाजत देने आरोप में अरेस्ट किया था.
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Assam News: मेघालय स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी(यूएसटीएम) के चांसलर महबाबुल हक की मुश्किलें बढ़ गई हैं. असम के श्रीभूमि जिले की एक लोकल कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है. हक को स्टूडेंट्स को इम्तिहान में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने की इजाजत देने का वादा करने के आरोप में अरेस्ट किया गया था.
इस मामले में पेश हुए वकीलों ने बताया कि हक और जिले के पथरकंडी स्थित एक स्कूल के पांच टीचर्स को लोकल कोर्ट ने शनिवार देर रात सुनवाई के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. यूएसटीएम के चांसलर महबाबुल हक ERD फाउंडेशन भी चलाते हैं.
हक पर क्या है आरोप?
ईआरडी फाउंडेशन पथरकंडी में एक स्कूल समेत अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों का संचालन करता है. हक को शनिवार तड़के उनके गुवाहाटी आवास से अरेस्ट करने के बाद श्रीभूमि ले जाया गया था. स्कूल के पांच टीचर्स को शुक्रवार को यह आरोप सामने आने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया कि दूसरे जिलों के स्टूडेंट्स ‘उच्च अंक लाने के लिए अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने का आश्वासन’ मिलने के बाद वहां 12वीं क्लास की सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा दे रहे थे.
वकील 7 दिनों के लिए कस्टडी में सौंपने की मांग की थी
वहीं,एक वकील ने कहा, ‘पुलिस ने आरोपियों को सात दिनों के लिए कस्टडी में सौंपने की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने का हुक्म दिया, लेकिन जरूरत पड़ने पर पुलिस उनसे जेल में पूछताछ कर सकती है.’
पहले भी विवादों में रहे हैं हक
महबाबुल हक पहले भी विवादों में रह चुके हैं. पिछले साल अपने ओबीसी सर्टिफिकेट को लेकर विवाद में फंसे थे. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने हिमंत बिस्वा शर्मा ने USTM चांसलर महबाबुल हक को गुवाहाटी के खिलाफ 'बाढ़ जिहाद' के लिए भी जिम्मेदार ठहराया था. सीएम ने दावा किया था कि शहर से सटे एक पहाड़ी पर मौजूद यूनिवर्सिटी कैंपस से बहने वाला पानी असम की राजधानी में बड़े पैमाने पर बाढ़ का कारण बनता है. ( भाषा इनपुट के साथ )