भागलपुर: ठंड की दस्तक, रैन बसेरों की हालात जर्जर, दुकानदारों ने जमा रखा है कब्जा
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भागलपुर: ठंड की दस्तक, रैन बसेरों की हालात जर्जर, दुकानदारों ने जमा रखा है कब्जा

पहाड़ों पर जारी बारिश और बर्फबारी के साथ पछुआ हवा के प्रवाह की वजह से बिहार के कई जिलों में ठंड अपना असर दिखाने लगी है. बिहार के 16 जिलों में पछुआ हवा की वजह से ठंड में इजाफा हुआ है और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.

(फाइल फोटो)

भागलपुर : पहाड़ों पर जारी बारिश और बर्फबारी के साथ पछुआ हवा के प्रवाह की वजह से बिहार के कई जिलों में ठंड अपना असर दिखाने लगी है. बिहार के 16 जिलों में पछुआ हवा की वजह से ठंड में इजाफा हुआ है और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. पछुआ हवा की वजह से प्रदेश के कई जिलों में तापमान में डेढ़ से 2 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है. आने वाले समय में तापमान में और गिरावट की संभावना है. ऐसे में इस ठंड में रैन बसेरों में ठहरने वालों का क्या हाल होगा इसे आप खुद समझ सकते हैं. 

रैन बसेरों की स्थिति बदतर 
दरअसल ठंड ने दस्तक तो दे दी है लेकिन भागलपुर नगर निगम ने इसको लेकर कोई तैयारी नहीं की है. शहर के रैन बसेरों की स्थिति बदतर है. देर रात भागलपुर नगर निगम अंतर्गत बने रैन बसेरों की पड़ताल की गई. शहर के कोतवाली स्थित रैन बसेरे में तो ताला बन्द था. न यहां अंदर कोई बेड नजर आया ना कोई सुविधा दिखी. इसको दुकानदारों ने जब्त कर दुकान खोल लिया है. 

दुकानदारों ने जमा रखा है कब्जा
वहीं भागलपुर के घण्टाघर स्थित रैन बसेरा तो बुरी तरह जर्जर स्थिति में नजर आया. यहां नीचे जरूरतमंद लोग सोये रहते हैं ऊपर छत से प्लास्टर गिर रहा होता है. सीसीटीवी लगाए गए हैं वो भी खराब पड़े हैं, पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है, न ही मच्छरदानी के इंतजाम हैं. छत का प्लास्टर गिरने के कारण केयरटेकर भी डरे सहमे रहते हैं. यहां भी नीचे दुकानदारों का कब्जा है. 

बड़ी खंजरपुर स्थित रैन बसेरे की भी हालत कमोबेश ऐसी ही थी. यहां भी कम्बल और मच्छरदानी का इंतजाम नजर नहीं आया. वहीं बरारी स्थित रैन बसेरे में तो सिर्फ केयर टेकर नजर आए.

एक साल पहले भी था यही हाल, अभी भी हालत में सुधार नहीं 
इस अव्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि नगर आयुक्त से इस पर काम करने के लिए कहा गया है. रैन बसेरों में अवैध रूप से दुकानदारों का कब्जा है. जो रैन बसेरा जर्जर है उसको तोड़कर नया बनाया जाना है और जहां अवैध कब्जा है उसपर नगर आयुक्त की तरफ से कार्रवाई करवाई की जाएगी. आपको बता दें कि बीते वर्ष भी जिलाधिकारी ने ये दावा किया था कि जर्जर रैन बसेरों के हालात सुधारे जाएंगे. जिस चीज की कमी होगी उसे पूरा किया जाएगा, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी हालात चिंताजनक है.

(रिपोर्ट-अश्वनी कुमार)

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