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Bhikhari Thakur Song: भोजपुरी के शेक्सपियर दिवंगत भिखारी ठाकुर किसी पहचान के मोहताज नहीं है. जिनको भी भोजपुरी भाषा से प्रेम है वह भिखारी ठाकुर से अच्छी तरह से परिचित हैं. आपको बता दें कि भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी को काव्य और नाटक के जरिए इतना कुछ दिया कि उन्हें कभी खत्म नहीं किया जा सकता है. आज जब भोजपुरी के अश्लील गानों को लेकर इस भाषा की खूब आलोचना होती है तो उसकी एक वजह यह है कि भिखारी ठाकुर से शायद आलोचक ठीक से परिचित नहीं हैं जिन्होंने इस भाषा को एक समृद्ध पहचान दिलाने के साथ भोजपुरी के गीत-संगीत, काव्य और नाट्य विधा के जरिए मनोरंजन का भी संरक्षण और पोषण किया था. उनका एक ऐसा ही काव्य 'बेटी बेचवा' जिसको एक बार सुन लें तो आपकी आंखें भर आएंगी.
भिखारी ठाकुर के इस गाने 'बेटी बेचवा' को गाना मत समझिए यह काव्य शैली में रची गई एक ऐसी कहानी है जो आपके सीने को चिरती हुई चली जाएगी. इस गीत को कल्पना पोटवारी, देवी सहित भोजपुरी के तमाम बड़े गायकों ने अपनी आवाज दी और इसे दर्शकों का खूब प्यार भी मिला.
इस गीत को अब भोजपुरी की एक नवोदित लोक गायिका दीपाली सहाय ने भी गाया है. गाने में दीपाली की आवाज सुनकर आप अपने आंसू रोक नहीं पाएंगे.
दीपाली अपनी आवाज के साथ इस गाने के शब्दों के अर्थ भी समझाती नजर आ रही हैं ताकि इस समृद्ध काव्य को लोगों को आसानी में समझ आए. यह गाना एक ऐसे समय के समाज पर आधारित है जब मासूम बच्चियों की शाद एक बुजुर्ग से इसलिए कर दिया जाता था कि बेटी का बाप बेटी को पालने में असमर्थ होता था और तब समाज में यह कुरीति जन्मी थी.
भोजपुरी के इस शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर ने अपनी रचनाओं से तब समाज को जगाने और कुरीतियों से दूर जाने को लेकर प्रेरित किया था.