Bokaro Water Crisis: यकीन नहीं होता है कि जो भारत आज चांद तक पहुंच चुका है. जिस भारत में आज हर हाथ में मोबाइल फोन है, उस भारत के लोग दो बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. यहां तक कि बच्चे अपनी पढ़ाई छोड़ कर पानी लेने के लिए कतार में लगते हैं.
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बोकारो: Bokaro Water Crisis: यकीन नहीं होता है कि जो भारत आज चांद तक पहुंच चुका है. जिस भारत में आज हर हाथ में मोबाइल फोन है, उस भारत के लोग दो बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. यहां तक कि बच्चे अपनी पढ़ाई छोड़ कर पानी लेने के लिए कतार में लगते हैं.
पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्वालाडीह गांव के लोग
झारखंड के बोकारो जिले के पिंड्राजोड़ा थाना क्षेत्र के ग्वालाडीह गांव में लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. कई दफा यहां के बाशिंदे जिला प्रशासन को इससे अवगत करा कर इसके निराकरण की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
पानी की बूंद–बूंद के लिए मुहाल हो चुके लोग
यहां के लोग जहां पानी की बूंद–बूंद के लिए मुहाल हो चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ स्कूल जाने वाले छात्र स्कूल जाने के बजाय पानी की कतारों में लग रहे हैं, ताकि उन्हें पानी मिल सके. लेकिन अफसोस इन कतारों में लगने के बावजूद भी इन्हें पानी नसीब नहीं हो पा रहा है, जिसकी वजह से ये बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. इससे इनकी पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है.
अधर में लटक गया मासूम बच्चों का भविष्य
ऐसे में पानी की वजह से इन मासूम बच्चों का भविष्य भी अधर में लटक गया है. ऐसे एक या दो नहीं, बल्कि अनेकों बच्चे इस मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने के लिए यहां जिला प्रशासन की ओर से सौर ऊर्जा से संचालित पानी टंकी जलमीनार भी स्थापित किए गए हैं, लेकिन फिर भी यहां के लोगों को पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इसकी भी शिकायत ग्रामीण जिला प्रशासन से कर चुके हैं, लेकिन इसका कोई निराकरण नहीं निकल पाया है.
इनपुट- आईएएनएस के साथ
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