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बेगूसराय:Bihar School: बेगूसराय में एक ऐसा स्कूल है जहां स्कूल जाने से पहले छात्र माता मंदिर और भोले बाबा के मंदिर में प्रार्थना कर माथा टेक कर सलामती की प्रार्थना कर स्कूल में प्रवेश करते है. ऐसा इसलिए क्योंकि विद्यालय का भवन इतना जर्जर है कि छात्रों और शिक्षकों को हमेशा डर रहता है कि कब स्कूल का भवन गिरेगा और लोगों के साथ कोई अनहोनी घटना न हो जाए. सुनने में यह अटपटा जरूर लगता है थोड़ा लेकिन ऐसा ही हाल है मटिहानी प्रखंड के राजकीय कृत उच्च विद्यालय सिंहमा का. यह विद्यालय 1971 में सामाजिक स्तर पर चंदा कर स्थापित की गई थी और बिहार सरकार द्वारा 1978 में इस विधालय को स्वीकृति दी गई थी.
स्कूल की हालत कई वर्षों से जर्जर बनी हुई है. क्लास रूम के अंदर छत टूट कर गिरने लगा है , कई जगह दीवार में दरार है तो कई जगह टूट फूट कर दीवारें गिर रही है. बच्चे इस स्कूल में पढ़ने जाने से डरते हैं. वहीं कई जगह टूट टूट कर प्लास्टर गिरा हुआ है. स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्रा हो या शिक्षक हमेशा डर के साए में स्कूल में पढ़ने और पढ़ाते हैं कि कब स्कूल का छत गिर जाए की दीवारें गिर जाए. बच्चे अनहोनी का शिकार ना हो जाए इस वजह से स्कूल में पढ़ने आने वाले छात्र-छात्राएं स्कूल परिसर में बने मंदिर में भगवान से प्रार्थना कर अपनी दुआ सलामती की मांग कर करते हुए स्कूल में दाखिल होते हैं.
स्कूल भवन के जर्जर होने का डर सिर्फ छात्र छात्राओं को नहीं है बल्कि शिक्षकों भी है. हमेशा डरे सहमे स्कूल में पठन-पाठन कराते हैं. शिक्षकों ने बताया कि भवन काफी पुराना है और लगातार जर्जर होता जा रहा है. जर्जर इतना हो गया है कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है लेकिन इस पर शिक्षा विभाग और सरकार का कोई ध्यान नहीं है. स्कूल की प्रधान ने बताया कि कई बार शिक्षा विभाग को इसकी लिखित सूचना भी दी गई. स्कूल भवन को मरम्मत किया जाए लेकिन आज तक विद्यालय भवन का मरम्मत नहीं हो पाया है, थोड़ा बहुत मरम्मत हो जाता है लेकिन स्कूल की हालत जस की तस बनी हुई है और पूरी तरह से जर्जर अवस्था में है.
इनपुट – राजीव
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