Coronavirus: याद करिए कोरोना से कैद के वो दिन और थोड़ा बचकर रहिए, ये नया वाला वायरस भी कम नहीं है!
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Coronavirus: याद करिए कोरोना से कैद के वो दिन और थोड़ा बचकर रहिए, ये नया वाला वायरस भी कम नहीं है!

Coronavirus: फिर वही दौर देश देख सकता है अगर हमने लापरवाही बरती क्योंकि कोरोना के नए वेरिएंट JN1 को लेकर जो खबरें सामने आ रही है वह बेहद चौंकाने वाली है.  हालांकि तब देश की सरकारें, चाहे वह केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकारें, पूरे देश के स्वास्थ्यकर्मी, कोरोना वॉरियर्स सबको इस देश ने सलाम किया था. लेकिन अब जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस को महामारी की श्रेणी से बाहर कर दिया तो ऐसे में कोरोना का यह नया वेरिएंट इतनी चर्चा में क्यों है. 

फाइल फोटो

Coronavirus: 19 मार्च 2020 का दिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू के बारे में घोषणा की और 22 मार्च से तो इसे लागू कर दिया गया था पर किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक विकराल दैत्य देश को खाने के लिए बढ़ता चला आ रहा है. अचानक 22 मार्च को सड़कें सुनसान हो गईं. गलियों में कोई दिख तक नहीं रहा था. दुकानों के शटर गिरे पड़े थे. माहौल ऐसा भयावह कि लोगों का दिल सहम जाए. सड़क पर कुत्तों के भौंकने की आवाज भी बम के धमाके से कम नहीं महसूस हो रही थी. लोग घरों में बंद पड़े थे मानों जेल में कैद पड़े हों. खिड़कियों से झांकते चेहरे ऐसा महसूस करा रहे थे मानो श्मशान सा सन्नाटा उनको अपनी ओर खींच रहा हो. सबकुछ बंद था और लोगों की जिंदगी बेदम थी. सड़कों पर पुलिस के गाड़ियों का सायरन. ऐसा शोर मचा रहा था मानो पड़ोसी मुल्क ने देश पर हमला कर दिया हो. यह आपातकाल तो था लेकिन एक ऐसे सन्नाटे वाला अघोषित आपातकाल जिसमें शत्रु किसी को नजर नहीं आ रहा था. लेकिन, घरों में बंद कई जिंदगियां घूट रही थी. कईयों की सांसें टूट रही थी. हालांकि उससे ठीक पहले चीन में सितंबर 2019 से ही पूरी दुनिया की नजरें एक ऐसे महामारी की तरफ केंद्रित हो रखी थी जिसको लेकर सभी घबराए हुए थे लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि शत्रु इतना मजबूत होगा कि वह पूरी दुनिया की सैर कर देश की सीमाओं में भी प्रवेश कर जाएगा. 

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अब फिर वही दौर देश देख सकता है अगर हमने लापरवाही बरती क्योंकि कोरोना के नए वेरिएंट JN1 को लेकर जो खबरें सामने आ रही है वह बेहद चौंकाने वाली है.  हालांकि तब देश की सरकारें, चाहे वह केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकारें, पूरे देश के स्वास्थ्यकर्मी, कोरोना वॉरियर्स सबको इस देश ने सलाम किया था. लेकिन अब जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस को महामारी की श्रेणी से बाहर कर दिया तो ऐसे में कोरोना का यह नया वेरिएंट इतनी चर्चा में क्यों है. 

तब पीएम मोदी की अपील का असर यह था कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता जैसे महानगरों को तो छोड़ दीजिए देशभर के गांव, कस्बों, गली, मोहल्ले तक की सड़कें सुनसान पड़ गई थी. लोगों के पास खाने के सामान की किल्लत भले थी लेकिन फिर भी लोग घरों में दुबके पड़े थे. इसके बाद जनता कर्फ्यू 24 मार्च 2020 को पीएम मोदी के संबोधन के साथ पूर्ण लॉकडाउन में बदल गया और यह 21 दिनों तक चलने वाला था लेकिन इसकी समय सीमा बढ़ती गई और लोगों के सब्र का बांध भी टूटता चला गया. हालांकि देश फिर भी एकदम रूका सहमा पड़ा रहा. सब अपनी जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए थे. 

अब वही कोरोना एक बार फिर काल बनकर हमारी तरफ बढ़ता चला आ रहा है. यह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है. कोरोना के नए वेरिएंट जेएन1 के संक्रमण के फैलने की तेज रफ्तार ने लोगों को डरा दिया है. भारत में भी कोरोना के इस नए स्ट्रेन के कई मामले सामने आ गए हैं. देशभर के लोगों के जान की रक्षा कैसे हो इसको लेकर सरकार भी चिंता में पड़ गई है. 

कोरोना के इस नए वेरिएंट को WHO वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित कर चुका है. हालांकि यह वेरिएंट बिल्कुल नया नहीं है. इसके मामले सितंबर में अमेरिका में पाए गए थे. हालांकि कोविड-19 के इस सब-वेरिएंट JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय मुल्क लक्जमबर्ग में हुई थी. अब पूरी दुनिया में इसके मामले धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं. ओमिक्रॉन के बाद कोरोना का यह JN1 वेरिएंट जिस तेजी से फैल रहा है उसने खूब सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी है. इसका रीप्रोड्यूसिबिलिटी और ट्रांसमिशन कोरोना के अन्य वेरिएंट की तुलना में ज्यादा तेज है. हालांकि इसकी मॉड्यूलिटी ज्यादा हाई नहीं होने की वजह से चिंता की अभी ज्यादा बात नहीं है. हालांकि यह आपकी इम्यूनिटी को भी मात दे सकता है इस वजह से चिंता ज्यादा बढ़ गई है. 

हालांकि इसको लेकर एक्सपर्ट का कहना है कि ओमिक्रॉन की तरह ही यह वेरिएंट भी संक्रामक है. इसके फैलने की रफ्तार तेज है. इस वेरिएंट को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें दस्त लगना, बुखार आना, थकान, खांसना, सिरदर्द, नाक बंद, बहती नाक जैसे लक्षण आम हैं. इस सब के बीच इसको लेकर अभी एक्सपर्ट यह नहीं बता पा रहे हैं कि इसके लिए सही ट्रीटमेंट क्या होगा. ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही देश पर भारी पड़ सकती है. ऐसे में भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से लोगों को बचना चाहिए. मास्क पहनने की आदत एक बार फिर से डालनी होगी. खांसते या छींकते समय अपनी नाक और मुंह को जरूर ढकें. हाथ को नियमित साबुन से धोएं, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. बीमारी की हालत में खुद को घर में आइसोलेट कर लें. वहीं किसी भी लक्षण के नजर आने पर तुरंत अपनी कोरोना जांच जरूर कराएं.  

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