ब्लड कैंसर का अलार्म है शरीर में ये संकेत, शुरुआत में हुई पहचान तो बच जाएगी जान
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ब्लड कैंसर का अलार्म है शरीर में ये संकेत, शुरुआत में हुई पहचान तो बच जाएगी जान

Blood Cancer : कैंसर के शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में रुकावट पैदा करना, जिसके कारण आपको एनीमिया हो सकता है. इसके अलावा कमजोर इम्यून सिस्टम भी एक ब्लड कैंसर की पहचान हो सकता है, जिससे आप संक्रमणों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं.

ब्लड कैंसर का अलार्म है शरीर में ये संकेत, शुरुआत में हुई पहचान तो बच जाएगी जान

Blood Cancer Warning Signs : ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षणों को समझना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह बीमारी जानलेवा हो सकती है, लेकिन यदि इसकी पहचान समय पर हो जाए, तो इसका इलाज संभव है और जीवन बचा जा सकता है. ब्लड कैंसर, जिसे हेमेटोलॉजिकल कैंसर भी कहा जाता है. बहुत खतरनाक हो सकता है, लेकिन इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानकर आप इसका इलाज करवा सकते हैं. निम्नलिखित हैं ब्लड कैंसर के कुछ प्रमुख वॉर्निंग साइन आदि.

बता दें कि अगर शरीर में अत्यधिक थकान महसूस हो रही है और बार-बार संक्रमण हो रहे हैं, तो यह एक संकेत हो सकता है. इसका कारण है कैंसर के शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में रुकावट पैदा करना, जिसके कारण आपको एनीमिया हो सकता है. इसके अलावा कमजोर इम्यून सिस्टम भी एक ब्लड कैंसर की पहचान हो सकता है, जिससे आप संक्रमणों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं.

अगर बिना किसी कारण अचानक से आपका वजन कम हो रहा है और आपके लिम्फ नोड (विशेषकर गर्दन और कमर क्षेत्र) में सूजन हो रही है, तो यह ब्लड कैंसर के संकेत हो सकते हैं. इसका कारण हो सकता है कि शरीर बीमारी से लड़ने के लिए अत्यधिक ऊर्जा खर्च कर रहा है.

अत्यधिक आसानी से चोट लगना, नाक से ब्लड आना या मामूली चोटों से लंबे समय तक ब्लीडिंग होना प्लेटलेट काउंट में कमी के कारण हो सकता है. यह किसी तरह के ब्लड कैंसर के एक लक्षण हो सकता है. ब्लड कैंसर अस्थि मज्जा को प्रभावित कर सकता है, जिससे हड्डियों में दर्द या फ्रैक्चर की समस्या हो सकती है.

साथ ही बता दें कि बिना किसी वजह बुखार आना और अक्सर रात में पसीना आना ब्लड कैंसर के संकेत हो सकते हैं, विशेष तौर पर लिंफोमा जैसे ब्लड कैंसर के लिए है. अगर आपको इन लक्षणों में से कुछ भी दिखाई देता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. इसका पता लगाने के लिए विभिन्न टेस्ट की सलाह दी जा सकती है, जैसे कि ब्लड टेस्ट, अस्थि मज्जा एस्पिरेशन और बायोप्सी, सीटी स्कैन, MRI या पीईटी स्कैन आदि.

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