Muzaffarpur News: कभी खाने... तो कभी कपड़े को रहे मोहताज, अब सरकारी शिक्षक बनकर महेश ने कर दिया कमाल
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Muzaffarpur News: कभी खाने... तो कभी कपड़े को रहे मोहताज, अब सरकारी शिक्षक बनकर महेश ने कर दिया कमाल

Muzaffarpur News: गरीब परिवार से आने वाले मुजफ्फरपुर जिले सकरा प्रखंड के मच्छी गांव के रहने वाले महेश कुमार के पिता बैद्यनाथ सिंह राजमिस्त्री का काम करते हैं. पांच भाई बहनों में महेश दुसरे नंबर पर है. जिन्होंने सरकारी संस्थान से पीजी तक की पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने CTET के बाद BPSC TRE- 1 और उसके बाद अब BPSC TRE- 3 को भी उत्तीर्ण कर लिया है.

Muzaffarpur News: कभी खाने... तो कभी कपड़े को रहे मोहताज, अब सरकारी शिक्षक बनकर महेश ने कर दिया कमाल

Muzaffarpur News: गरीब परिवार से आने वाले बिहार के मुजफ्फरपुर जिला अंतर्गत सकरा प्रखंड के मच्छी गांव के रहने वाले महेश कुमार के पिता बैद्यनाथ सिंह राजमिस्त्री का काम करते हैं. पांच भाई बहनों में महेश दुसरे नंबर पर है. जिन्होंने सरकारी संस्थान से पीजी तक की पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने CTET के बाद BPSC TRE- 1 और उसके बाद अब BPSC TRE- 3 को भी उत्तीर्ण कर लिया है. इससे महेश ने छात्रों को यह संदेश दिया कि पढ़ाई के बीच गरीबी को नहीं आने दें. खुद को मजबूत कर अपने परिवार, दोस्तों और गुरुजनों का सहयोग लें. ऐसे करने से हर लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है.

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दरअसल, महेश बताते हैं कि गरीबी के कारण वह निजी संस्थान में पढ़ाई नहीं कर सके. उन्होंने आठवीं तक पिता मजदूरी कर के आते थे, तो उसे पढ़ाया करते थे. उसके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय थी कि कभी कभी रात में भूखे सो जाना पडता था. एक ही कपडा सातों दिन पहनते थे. वो भी फटा पुराना, फिर भी पढाई नहीं छोड़ी और न हीं उनके माता-पिता ने पढ़ाई छोड़ने दिया. दसवीं तक पढाई उसने बाद घास छिल कर और भैंस चरा कर प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया. उसके बाद महेश ने आगे की पढ़ाई प्राइवेट ट्यूशन पढ़ा कर की.

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बता दें कि पढ़ाई के दौरान ही महेश के कंधे पर परिवार के भरण पोषण की भी जिमेदारी आन पड़ा, लेकिन पढ़ाई के साथ साथ उसने परिवार का भी भरण पोषण प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाकर करने लगा. साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की भी तैयारी करता रहा. रेलवे और बिहार पुलिस जैसे कई प्रतियोगी परिक्षा में बैठे लेकिन चयन नही हुआ. उसके बाद महेश ने CTET को उत्तीर्ण किया और बिहार में छठा चरण शिक्षण नियोजन के लिए विज्ञापन आया, तो आवेदन किया और 1-5वीं के शिक्षक के रुप में चयनित हो गए.

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जब 2023 में BPSC TRE- 1 का विज्ञापन आया तो आवेदन किया और 9 - 10 के विद्यालय में सामाजिक विज्ञान के शिक्षक बन गए. उसके बाद उसे नवराष्ट्र 10+2 विद्यालय पताही में पढ़ाने लगे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए महेश ने आगे भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी को जारी रखा. जिसके बाद BPSC TRE- 3 को पास किया और 11-12वीं के लिए भूगोल विषय को चुन लिया. जिसकी 4 और 5 फरबरी को काउंसलिंग होनी है. महेश के इस तरक्की में उनके माता-पिता के साथ उनके भाई बहन और उनके दोस्तों ने हमेशा हौसला अफजाई किया. जिससे महेश ने आज इस मुकाम को हासिल किया है.

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