बदहाली के आंसू रो रहा है डॉ. राजेंद्र प्रसाद का पैतृक गांव! ट्रेनों के ठहराव के लिए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
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बदहाली के आंसू रो रहा है डॉ. राजेंद्र प्रसाद का पैतृक गांव! ट्रेनों के ठहराव के लिए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

सिवान में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) के गांव के ग्रामीणों ने जीरादेई स्टेशन पर महत्वपूर्ण ट्रेनों के ठहराव को लेकर प्रदर्शन किया. 

 ट्रेनों के ठहराव के लिए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन  (प्रतीकात्मक फोटो)

Siwan: सिवान में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) के गांव के ग्रामीणों ने जीरादेई स्टेशन पर महत्वपूर्ण ट्रेनों के ठहराव को लेकर प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने कई मांगे रखी हैं. 

इस पर ग्रामीणों ने बताया कि 1 जनवरी 2009 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के द्वारा लक्ष्मी एक्सप्रेस और मौर्य एक्सप्रेस का एक साथ ठहराव कराया गया था, जिसके बाद से ये दोनों ट्रेनें स्टेशन पर रूकती थी. हालांकि, कोरोना काल के दौरान से इन दोनों ट्रेनों का ठहराव को रद्द कर दिया गया है, जिससे यात्रियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कई बार लिखित आवेदन देकर ठहराव कराने के लिए गुहार लगाई गई. हालांकि, इसके बावजूद भी अभी तक इन ट्रेनों का ठहराव नहीं कराया जा रहा है. 

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वहीं, ग्रामीणों ने प्रदर्शन के दौरान बताया कि स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद का पैतृक गांव जीरादेई अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है और उपेक्षा का शिकार हो रहा है. ग्रामीणों ने आगे बताया कि ट्रेन के ठहराव में मौर्य एक्स, छपरा- नौतनवा, इंटरसिटी एक्स, ग्वालियर-बरौनी का स्थायी रूप से ठहराव होना चाहिए और इसकी स्वीकृति बिहार सरकार और सांसद को करानी चाहिए. इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर भी बैठने के लिए सुविधा होनी चाहिए. बारिश के दौरान ​यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

 

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