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Lalu Prasad yadav: बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव का नाम एक समय सुर्खियों में था. हालांकि वह अब सक्रिय राजनीति से दूर हो गए हैं. चारा घोटाला केस में सजा होने के बाद से लालू यादव जेल में भी अपना समय गुजार चुके हैं. फिर उन्हें अदालत से बेल मिली और उनकी संहत भी बिगड़ती चली गई. उनको लंबे समय तक दिल्ली में एम्स में रखकर उनका इलाज कराया गया. फिर वह सिंगापुर गए और वहां से किडनी ट्रांसप्लांट कर वापस लौटे. अभी वह स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं लेकिन बिहार से उठी विपक्षी एकता की आवाज को नजदीक से सुन रहे हैं और इस पर अपनी राय भी जाहिर करते रहते हैं.
लालू यादव ने राज्य से लेकर केंद्र तक की राजनीति में अपने निराले अंदाज की वजह से खूब सुर्खियां बटोरीं. वह केंद्र में रेल मंत्री रहे तो उनके ऊपर उस दौरान रेल घोटाले का भी आरोप लगा जिसकी अभी तक जांच चल रही है. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री रहते उनपर चारा घोटाले का आरोप लगा तो उन्होंने 5 जुलाई 1997 को राष्ट्रीय जनता दल के नाम से एक पार्टी का गठन कर लिया. इसके ठीक 20 दिन बाद 25 जुलाई को उन्होंने जनता दल के नेताओं के दबाव के बीच सीएम की कुर्सी छोड़ दी और पार्टी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया. बता दें कि उनके इस्तीफे के बाद राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री बनी लेकिन वह प्रत्यक्ष तो नहीं लेकिन परोक्ष रूप से तब भी सरकार चलाते रहे.
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वह जब बिहार के सीएम थे तो उस दौरान के कई किस्से ऐसे हैं जिन्हें लोगों ने सुना नहीं लेकिन उनके वह किस्से उनकी पर्सनालिटी को दर्शाते हैं. आपको बता दें कि लालू की जीवनी-गोपालगंज से रायसीना तक एक किताब में उनका एक किस्सा है जिसकी मानें तो वह एक रात लाठी लेकर पुलिस की टीम की साथ सड़क पर निकल आए. जिसने भी तब लालू यादव को इस अंदाज में देखा वह सन्न रह गया.
इसके पीछे की कहानी यह बताई गई कि लालू तब बिहार के मुख्यमंत्री थे और उन्हें पता चल गया था कि यहां जो ईंट भट्ठे हैं वहां काम करने वाली महिलाओं के साथ हरदिन कुछ गलत होता है. वह इससे काफी आहत थे. इस जानकारी के पुख्ता होने के बाद वह एक रात पुलिस की टीम के साथ उस जगह के लिए निकल पड़े. उनके हाथ में एक लाठी थी. वह बिहटा-मनेर रोड स्थित ईंट भट्ठे पर पहुंच गए.
वह जब वहां पहुंचते उससे कुछ दूर पहले ही उन्होंने अपना काफिला रोक दिया और हाथ में वही लाठी लिए ईंट भट्ठे की तरफ बढ़ गए. वह नजदीक पहुंचे तो देखा एक महिला के गले में फूलों का हार है और उससे साथ कुछ लोग जोर-जबरदस्ती कर रहे हैं. उस महिला को खींचकर झोपड़ी में ले जाने की वह कोशिश कर रहे थे. लालू पर उन बदमाशों की नजर पड़ी तो वह सकपका गए. फिर क्या था लालू ने देख लिया था कि सभी शराब के नशे में धुत हैं. उन्होंने तुरंत पुलिस वालों को वहां बुलाया और सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. लालू यादव उस महिला को लेकर अपने आवास पहुंचे और कलक्टर से कहकर उसकी नौकरी लगवा दी.