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पटनाः Navratri Puja Labh: मां कात्यायनी की पूजा से धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसे लेकर स्कंद पुराण में कहा गया है कि देवी के कात्यायनी रूप की उत्पत्ति परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से हुई थी. योग साधना में इस आज्ञा चक्र का महत्वपूर्ण स्थान है. इस चक्र में स्थित मन वाला साधक माँ कात्यायनी के चरणों में अपना सर्वस्व निवेदित कर देता है. परिपूर्ण आत्मदान करने वाले ऐसे भक्त को सहज भाव से माँ कात्यायनी के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं. माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं,इनका स्वरुप अत्यंत ही भव्य और दिव्य है. मां की पूजा से कई परेशानियों का निदान हो जाता है.
ग्रह और कुंडली के दोष होते हैं दूर
मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. उनको रोग, संताप और अनेकों प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि मां के इस स्वरुप की पूजा करने से विवाह में आ रहीं रुकावटें दूर होती हैं. देवी भागवत पुराण के अनुसार देवी के इस स्वरुप की पूजा करने से शरीर कांतिमान हो जाता है. इनकी आराधना से गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है. मां दुर्गा के छठवें रूप की पूजा से राहु और कालसर्प दोष से जुड़ी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
हल्दी की गांठ चढ़ाएं
विवाह संबंधी रुकावटे होती हैं दूर: जो अविवाहित हैं या जिनके विवाह में कोई परेशानी आ रही है, उनके द्वारा विधि पूर्वक की गयी मां कात्यायनी की पूजा सर्वश्रेष्ठ फल प्रदान करती है. मां कात्यायनी की पूजा से अविवाहित लड़कियों के विवाह के योग बनते हैं और सुयोग्य वर भी मिलता है. जिन साधकों को विवाह से सम्बंधित समस्या है, इस दिन मां को हल्दी की गांठे माता को अर्पित करने से मां उन्हें उत्तम फल प्रदान करतीं हैं.
कठिन समस्याओं का होता है निदान
इस उपाय को करने से मिलेगा विशिष्ट लाभ: इस दिन भगवान हारण्य जो कि एक मणि में विराजित रहते हैं, की स्थापना की जाती है और उनकी पैंतालीस दिन लगातार पूजा की जाती है. इस उपाय से जवीन में कठिन से कठिन समस्याओं का निदान होता है. देवी कात्यायनी की पूजा से रोग, शोक, संताप, भय आदि का नाश हो जाता है. देवी कात्यायनी की पूजा करने से हर तरह का भय भी दूर हो जाता है.
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