पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रविशंकर प्रसाद ने जिले के सभी अस्पतालों में जाकर डेंगू वार्ड का जायजा लिया और उन्होंने डेंगू वार्ड में भर्ती सभी मरीजों का हालचाल लिया. साथ ही अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर व प्रिंसिपल डॉ विद्यापति चौधरी से जानकारी ली.
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पटना : Dengue In Patna : पटना में डेंगू का कहर पिछले दस दिनों से लगातार जारी है. जिले में पिछले दस दिन में अब तक करीब छह लोगों की मौत हो गई है. बता दें कि इनमें से दो एनएमसीएच, एक पीएमसीएच व तीन प्राइवेट में मरीजों की मौत हुई है. बुधवार को पटना जिले में डेंगू के 196 नये मामले सामने आए है. पटना में डेंगू ने पिछले छह साल का रिकार्ड तोड़ दिया है, इस साल डेंगू का आंकड़ा 4922 के पार जा चुका है.
पटना में टूटा छह साल का रिकार्ड
पटना में डेंगू के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, रोजाना डेंगू की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. पटना में वर्ष 2016 से लेकर अब तक सबसे ज्यादा मामले सामने आए है. साल 2019 में 4905 मरीज पाये गये थे, जिसका रिकार्ड बुधवार को टूट गया. साथ ही 24 घंटे में शहर के पीएमसीएच में 45, एनएमसीएच में 52, आइजीआइएमएस में 73 मरीज पाए गए है. इसके अलावा जिले के सभी पीएचसी, अनुमंडलीय व प्राइवेट अस्पतालों में 73 मामले चिह्नित किया गया है. साथ ही बुधवार को कुल 196 मरीजों की रिपोर्ट दर्ज की गई है.
अस्पतालों में सांसद ने डेंगू वार्ड का लिया जायजा
बता दें कि बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रविशंकर प्रसाद ने जिले के सभी अस्पतालों में जाकर डेंगू वार्ड का जायजा लिया और उन्होंने डेंगू वार्ड में भर्ती सभी मरीजों का हालचाल लिया. साथ ही अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर व प्रिंसिपल डॉ विद्यापति चौधरी से जानकारी ली. डॉ विद्यापति ने बताया कि करीब एक घंटे तक रविशंकर प्रसाद अस्पताल परिसर में थे. इस दौरान डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों से रूबरू हुए. इसके अलावा भर्ती मरीज के परिजनों से भी इलाज के बारे में पूछताछ की. साथ ही कहा कि डेंगू मरीजों का वार्ड में विशेष ध्यान रखा जा रहा है. अब तक अस्पताल के डेंगू वार्ड में 100 बेड लगाए गए है. जो मरीज अस्पताल में भर्ती है उनका इलाज किया जा रहा है.
पिछले छह साल का आंकड़ा
बता दें कि डेंगू के सबसे कम मरीज वर्ष 2020 में देखने को मिले है. इस पूरे वर्ष कुल 243 मरीज ही पाए गए थे. लेकिन वर्ष 2022 ने सभी आंकड़ो को तोड़ दिया है. बुधवार को अब तक 4922 मरीजों की पहचान की गई है. इन आकड़ो ने अब तक पिछले छह साल का रिकार्ड तोड़ दिया है. बता दें कि वर्ष 2016- 845, वर्ष 2017 - 1544, वर्ष 2018 - 1578, वर्ष 2019- 4905, वर्ष 2020 - 243, वर्ष 2021 - 353, वर्ष 2022 - अब तक 4922 मामले सामने आए है.
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