'दोषी हूं तो मुझे गोली से उड़ा दो...', रिहाई के 2 हफ्तों बाद पॉलिटिकली एक्टिव हुए आनंद मोहन
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'दोषी हूं तो मुझे गोली से उड़ा दो...', रिहाई के 2 हफ्तों बाद पॉलिटिकली एक्टिव हुए आनंद मोहन

आनंद मोहन के जेल से बाहर निकलने के बाद से बिहार की राजनीति में नीतीश सरकार और बीजेपी आमने सामने हैं. हालांकि बीजेपी खुलकर आनंद मोहन की रिहाई का विरोध नहीं कर पा रही है. 

आनंद मोहन

Anand Mohan News: जेल से छूटने के करीब 2 हफ्तों बाद बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन अब राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गए हैं. बुधवार को आनंद मोहन ने पत्नी लवली आनंद की मौजूदगी में अररिया के फारबिसगंज में एक मंच से राजनीतिक बयान दिए. जेल से बाहर निकलने के बाद यह उनका पहला कार्यक्रम था. इस दौरान आनंद मोहन ने कहा कि मैं जी. कृष्णैया हत्याकांड का दोषी नहीं हूं. अगर मैं दोषी हूं तो मुझे गोली से उड़ा दिया जाए या फिर सूली पर लटका दिया जाए. मैं हंसते-हंसते यह सब मंजूर कर लूंगा. 

आनंद मोहन के जेल से बाहर निकलने के बाद से बिहार की राजनीति में नीतीश सरकार और बीजेपी आमने सामने हैं. हालांकि बीजेपी खुलकर आनंद मोहन की रिहाई का विरोध नहीं कर पा रही है. हां, वह आनंद मोहन की रिहाई के बहाने उन अपराधियों की रिहाई का विरोध कर रही है, जो MY समीकरण को ध्यान में रखकर छोड़े गए हैं. 

बुधवार को आनंद मोहन के कार्यक्रम में बीजेपी सांसद प्रदीप सिंह और 2 बीजेपी विधायकों ने शिरकत नहीं की. कार्यक्रम फारबिसगंज के फैंसी मार्केट में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा के अनावरण का था. इस कार्यक्रम में आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली आनंद पहुंचे थे. 

इस दौरान आनंद मोहन ने कहा, मैं स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से हूं. जी. कृष्णैया हत्याकांड का जिक्र करते हुए आनंद मोहन ने कहा- मैं इस मामले में निर्दोष हूं फिर भी सजा काटकर बाहर आया हूं. उनके साथ इस हत्याकांड में 7 लोगों को आजीवन कारावास की सजा मिली थी पर 6 लोग छुट गए. आनंद मोहन ने कहा, मुझे उस बात का दंड मिला, जो मैंने किया ही नहीं था. 

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आनंद मोहन ने कहा, किसी ने भी यह जानने की कोशिश नहीं की कि जी. कृष्णैया की हत्या कैसे हुई थी. आनंद मोहन ने कहा- देश सभी के खून से सींचा गया चमन भारत है. लालकृष्ण आडवाणी और नवीन पटनायक का नाम लेते हुए आनंद मोहन ने कहा, इन दोनों से पूछिए कि मैं क्या चीज हूं. इस दौरान लवली आनंद ने कहा, मैंने संसद में चिल्ला-चिल्लाकर सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन मेरी किसी ने नहीं सुनी थी

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