Bihar News: सिलसिलेवार पुल गिरने की घटनाओं पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के साथ बैठक की थी और पुलों के रखरखाव के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी बनाने का निर्देश दिए थे.
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Bihar News: बिहार में 13 दिन के अंदर 6 पुल गिरने की घटना ने हड़कंप मचा दिया था. शासन-प्रशासन की खूब किरकिरी होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़े तेवर अख्तियार किए. अब इन पुलों का पुनर्निर्माण शुरू हो गया है. जानकारी के मुताबिक, इनके निर्माण में जो भी खर्चा आएगा वह रकम संबंधित ठेकेदार से वसूली जाएगी. जल संसाधन विभाग ने इस सभी ध्वस्त पुलों के निर्माण का जिम्मा पुल निर्माण निगम को सौंपा है. जानकारी के मुताबिक, इन पुलों के पुर्निर्माण में करीब 24 करोड़ रुपए खर्च होंगे. हालांकि, सरकार को बजट की टेंशन नहीं है क्योंकि खर्च होने वाली पूरी रकम संबंधित ठेकेदार से वसूली जाएगी.
इतना ही नहीं अगले आदेश तक इन ठेकेदारों को पुराने काम का भी कोई भुगतान नहीं किया जाएगा. कहा जा रहा है कि जब तक पुलों का पुर्निर्माण नहीं हो जाता और उसकी रकम नहीं वसूल ली जाती, तबतक इन ठेकेदारों को अगले किसी कार्य करने की जिम्मेदारी नहीं मिलेगी. इन लोगों को अगली किसी निविदाओं में भाग लेने से वंचित कर दिया गया है. इससे पहले सीएम नीतीश ने इस मामले में जल संसाधन विभाग ने 11 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया था.
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बता दें कि हाल ही में प्रदेश में बारिश और बाढ़ की वजह से पिछले 25 दिनों के भीतर 10 से ज्यादा पुल ध्वस्त हो गए थे. इनमें से सीवान और सारण जिले में 6 पुल कुछ घंटों के भीतर ही गिर गए थे. ये पुल गंगा और गंडक नदी जोड़ो परियोजना के तहत छाड़ी नदी पर बनाए गए थे. इस मामले में जल संसाधन विभाग ने कहा था कि नदी जोड़ योजना एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत नदियों को आपस में जोड़ा जा रहा है और उनकी सफाई हो रही है. जल संसाधन विभाग ने कहा था कि गाद निकासी कार्य के दौरान एहतियाती कदम नहीं उठाए गए. जिससे पुलों को छति पहुंची है. इसी कारण से पुल कमजोर हो गए और गिर गए.