किशनगंज जिला निबंधन कार्यालय में जमीन रजिस्ट्री के लिए बैंक चालान फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में आया है. मोहम्मद अबसार आलम नामक व्यक्ति के बैंक चालान को फर्जी तरीके से कंप्यूटर से एडिट कर हेमानंद यादव नामक व्यक्ति का नाम डालकर जमीन रजिस्ट्री करवाने का सनसनी मामला प्रकाश में आया है.
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किशनगंज: बिहार के किशनगंज जिला निबंधन कार्यालय में जमीन रजिस्ट्री के लिए बैंक चालान फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में आया है. मोहम्मद अबसार आलम नामक व्यक्ति के बैंक चालान को फर्जी तरीके से कंप्यूटर से एडिट कर हेमानंद यादव नामक व्यक्ति का नाम डालकर जमीन रजिस्ट्री करवाने का सनसनी मामला प्रकाश में आया है. यानी चालान किसी के नाम का और उस चालान का इस्तेमाल फर्जी तरीके से कोई दूसरे व्यक्ति के नाम जोड़कर जमीन रजिस्ट्री कर लिया है.
पीड़ित व्यक्ति मुहम्मद अबसार आलम ने बताया कि किशनगंज शहर में जमीन रजिस्ट्री करवाने के लिए एक वर्ष पूर्व 49 हाजर 5 सौ 50 रुपये का बैंक में चालान जमा किया था. चालान जमा करने के बाद अति आवश्यक कार्य हेतु बाहर जाने से जमीन रजिस्ट्री नहीं कर पाए थे. वहीं एक वर्ष के बाद जब वो आज जमीन निबंधन के लिए किशनगंज जिला निबंधन कार्यालय पहुंचा तो उन्हें पता चला कि उनके बैंक चालान का इस्तेमाल फर्जी तरीके से किसी दूसरे व्यक्ति ने कर लिया है. पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने अपना बैंक चालान रफीक नामक व्यक्ति के द्वारा जमा किया था.
पीड़ित ने बताया कि उसके बैंक चालान का कुल राशि 49 हाजर 5 सौ 50 रुपये को गलत तरीके से रफीक मुंसी और निबंधन विभाग के अधिकारी आपस मे मिलीभगत कर फर्जीबाड़े को अंजाम देकर उनके राशि को हड़प लिया है. उन्होंने जिला प्रशासन को लिखित आवेदन देकर दोषियों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग किया है.
वहीं पीड़ित के परिजनों ने बताया कि जिला निबंधन विभाग के नियमनुसार दस्तावेज निबंधन से पूर्व चालान को बारीकी से मिलाने का प्रावधान है, लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया है. बैंक में जमा चालान व निबंधन कार्यालय में जमा चालान में गड़बड़ी किया गया है, जो बिना निबंधक पदाधिकारी या कर्मी के मिलीभगत से संभव ही नहीं है.
स्थानीय लोगों ने किशनगंज जिला निबंधन कार्यालय के अधिकारी पर सवाल खड़े कर कहा कि यहां आंखे बंद कर दस्तावेजों की निबंधन किया जाता हैं, यहां तक कि देश के प्रधानमंत्री का आवास भी कोई भी व्यक्ति अपने नाम पर रजिस्ट्री करवाना चाहते है तो यहां संभव है. लोगों ने मांग किया है कि जिला निबंधन कार्यालय में पिछले पांच वर्षों का दस्तावेज को खंगाला जाय तो सैकड़ो फर्जीवाड़े मामला का खुलासा हो सकता है. वहीं आरोपी मुंशी रफीक ने अपने ऊपर लगे आरोपों बेबुनियाद बताया.
जिला निबंधक पदाधिकारी से बैंक चालान में हेराफेरी कर कंप्यूटर से सकैनिंग कर दूसरे के नाम डालने और उसी फर्जी चालान को बगैर जांच के रजिस्ट्री कर देने के सवाल पर देखिये किस तरह से निबंधक पदाधिकारी अपने लापरवाही को छुपाने के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर के माथे पर सारा ठीकरा फोड़ रहे है. जबकि इनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि स्थलीय जांच और दस्तावेजों की जांच कर संतुष्ट होने के बाद ही जमीन की रजिस्ट्री करना है. जिला पदाधिकारी से पूछने पर उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस मामले में सभी पहलुओं पर जांच की जाएगी और जो भी लोग संलिप्त हैं, उन सभी लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
इनपुट- अमित
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