Bettiah News: बेतिया पुलिस ने मिशन मुक्ति फाउंडेशन की सूचना पर छापेमारी कर 16 नाबालिग बच्चियों को रेस्क्यू किया और 10 आर्केस्ट्रा संचालकों को गिरफ्तार किया.
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बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में आर्केस्ट्रा ग्रुप के नाम पर नाबालिग बच्चियों का शोषण किया जा रहा था. इस दर्दनाक सच्चाई का खुलासा मिशन मुक्ति फाउंडेशन की सूचना पर पुलिस द्वारा की गई छापेमारी के बाद हुआ. मुक्त कराई गई 16 लड़कियों में से एक लड़की की कहानी आपको रुला देगी. उसकी उम्र करीब 12 से 13 साल बताई जा रही है. इस नाबालिग लड़की का तीन हैवानो ने शारीरिक शोषण किया. शोषण इतना वीभत्स था कि यह नाबालिग लड़की गर्भवती भी हो गई है. बताया जा रहा है कि लड़की बंगाल की रहने वाली है. उसकी दो बहनें हैं और बेतिया के ऑर्केस्ट्रा संचालक ने दोनों बहनों को खरीद कर यहां लाया और फिर उसका शोषण करने लगा.
डीआईजी के आदेश पर बनी पुलिस टीम
मिशन मुक्ति फाउंडेशन ने जब बेतिया पुलिस को इस मामले की जानकारी दी, तो चंपारण रेंज के डीआईजी हर किशोर राय ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए. इसके बाद एसडीपीओ विवेक दीप के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई, जिसमें प्रशिक्षु डीएसपी सपना रानी और महिला थानाध्यक्ष सुधा कुमारी भी शामिल थीं. इस टीम ने बैरिया, नौतन और जगदीशपुर के इलाकों में छापेमारी कर 16 नाबालिग बच्चियों को सुरक्षित बाहर निकाला.
मेडिकल जांच के लिए भेजी गई बच्चियां
रेस्क्यू की गईं सभी नाबालिग बच्चियों को पुलिस ने उनके परिजनों से संपर्क करने के बाद मेडिकल जांच के लिए भेज दिया. इस जांच के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि बच्चियों के साथ किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना तो नहीं हुई. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पीड़ित बच्चियों का काउंसलिंग कराया जाएगा और उन्हें सुरक्षित माहौल देने की व्यवस्था की जाएगी.
आर्केस्ट्रा संचालकों पर दर्ज हुआ केस
बेतिया पुलिस ने इस छापेमारी के दौरान 10 आर्केस्ट्रा संचालकों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ये संचालक नाबालिग बच्चियों को आर्केस्ट्रा में काम करने के लिए मजबूर करते थे और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था. पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है ताकि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य अपराधियों को भी पकड़ा जा सके.
मिशन मुक्ति फाउंडेशन ने किया खुलासा
इस घिनौने कृत्य की जानकारी मिशन मुक्ति फाउंडेशन के निदेशक वीरेंद्र सिंह को मिली थी, जिसके बाद उन्होंने इस मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल आयोग को पत्राचार किया. बाल आयोग ने पश्चिम चंपारण पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जिसके बाद यह छापेमारी संभव हो सकी. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि क्षेत्र में लंबे समय से नाबालिग बच्चियों को आर्केस्ट्रा में जबरन शामिल कर गलत काम कराया जा रहा था.
नाबालिगों के शोषण पर सख्त कार्रवाई की मांग
इस मामले के सामने आने के बाद स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता आक्रोशित हैं. उन्होंने सरकार और प्रशासन से इस गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही यह भी कहा गया कि नाबालिगों के शोषण से जुड़े ऐसे मामलों को रोकने के लिए जागरूकता और निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए.
इनपुट- धनंजय द्विवेदी
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