BPSC Protest: अब्‍दुल गफूर का था जमाना, उस स्‍टूडेंट मूवमेंट ने बदल दी सियासत की धारा
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BPSC Protest: अब्‍दुल गफूर का था जमाना, उस स्‍टूडेंट मूवमेंट ने बदल दी सियासत की धारा

Prashant Kishor: BPSC के खिलाफ छात्रों के समर्थन में धरने पर बैठे प्रशांत किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

BPSC Protest: अब्‍दुल गफूर का था जमाना, उस स्‍टूडेंट मूवमेंट ने बदल दी सियासत की धारा

1974 Bihar Student Movement: BPSC के खिलाफ छात्रों के समर्थन में धरने पर बैठे प्रशांत किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को लेकर जिस तरह छात्रों ने हालिया दिनों में प्रदर्शन किया है वैसा प्रतिरोध हालिया वर्षों में राज्‍य में नहीं देखा गया. बिहार में अब तक का सबसे बड़ा छात्र आंदोलन 1974 में हुआ था. उस वक्‍त राज्‍य के मुख्‍यमंत्री अब्‍दुल गफूर थे. राज्‍य में कुशासन और भ्रष्‍टाचार के खिलाफ इस आंदोलन की शुरुआत हुई थी. गुजरात के नवनिर्माण आंदोलन से प्रेरित होकर बिहार में ये छात्र आंदोलन चला.

नवनिर्माण आंदोलन (1974)
आर्थिक संकट, भ्रष्‍टाचार, कुशासन के खिलाफ सबसे पहले गुजरात में छात्रों और मिडिल क्‍लास ने सामाजिक-आर्थिक आंदोलन का सूत्रपात किया. इस आंदोलन की तीन प्रमुख मांगें थीं- सीएम चिमनभाई पटेल का इस्‍तीफा, विधानसभा भंग करना और सामाजिक पुनर्निमाण. ये आंदोलन पूरी तरह सफल रहा. जन दबाव में 167 विधायकों में से 95 ने इस्‍तीफा  दे दिया. 16 मार्च, 1974 को गुजरात विधानसभा को भंग कर दिया गया और राष्‍ट्रपति शासन लगा दिया गया. 

बिहार में आंदोलन
नवर्निमाण आंदोलन के दौर में बिहार में भी छात्रों का आक्रोश पनपा. उस साल सूखे के कारण राज्‍य के हालात खराब थे. भ्रष्‍टाचार, बेरोजगारी, महंगाई, कुशासन के खिलाफ लोगों में पहले से ही गुस्‍सा था. इसी पृष्‍ठभूमि में 18 फरवरी, 1974 को पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ ने पूरे बिहार के छात्रों को बुलाया और बिहार छात्र संघर्ष समिति (बीसीएसएस) का गठन किया. उसका नेता लालू प्रसाद यादव को बनाया गया. सुशील कुमार मोदी, बशिष्‍ट नारायण सिंह, सीपी वर्मा समेत छात्र नेता उस आंदोलन से जुड़े. शिक्षा प्रणाली में सुधार, हॉस्‍टलों में खाना और बेरोजगारी को लेकर आंदोलन शुरू हुआ. 18 मार्च को बजट सत्र के दौरान बीसीएसएस ने बिहार विधानसभा का घेराव किया. विधानसभा की तरफ जाने वाली सड़कों को घेर लिया गया और पूर्व शिक्षा मंत्री के घर पर आग लगा दी गई. सीएम अब्‍दुल गफूर ने छात्रों से कहा कि वो उनकी मांगों पर विचार करेंगे.

पटना यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ ये आंदोलन देखते ही देखते पूरे बिहार में फैल गया. छात्रों के साथ-साथ इसमें किसान, मिडिल क्‍लास भी जुड़ गया. आठ अप्रैल को छात्रों ने जयप्रकाश नारायण (जेपी) से आंदोलन का नेतृत्‍व संभालने की अपील की. उन्‍होंने इसको स्‍वीकारते हुए इसे एक व्‍यापक जन आंदोलन में बदल दिया. 

संपूर्ण क्रांति (Total Revolution)
एक जून को बिहार बंद का ऐलान किया गया और 5 जून, 1974 को जेपी ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया. पटना के गांधी मैदान में आयोजित जनसभा में जेपी ने कहा कि उनका संपूर्ण क्रांति का आशय, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षणिक व्‍यवस्‍था में सुधार से है. अब छात्रों का आंदोलन संपूर्ण क्रांति के आंदोलन में बदल गया और इसने पूरे देश में गहरा असर डाला. पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. इसकी चरम परिणति के रूप में 25 जून, 1975 को इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल का ऐलान कर दिया. जनता में भारी आक्रोश व्‍याप्‍त हो गया. 1977 के आम चुनाव में कांग्रेस को करारी पराजय का सामना करना पड़ा.

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