INS Mormugao: दुश्मनों की कांप उठी रूह, INS मोरमुगाओ ने दिखाया ऐसा कमाल; खासियतें जान रह जाएंगे हैरान
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INS Mormugao: दुश्मनों की कांप उठी रूह, INS मोरमुगाओ ने दिखाया ऐसा कमाल; खासियतें जान रह जाएंगे हैरान

INS Mormugao Project: आईएनएस मोरमुगाओ का निर्माण भारत में ही किया गया है. यह हिंद महासागर की लहरों पर दौड़ेगा और वहां चीन जैसे देशों की नापाक हरकतों पर नजर रखेगा. आईएनएस मोरमुगाओ को पिछले साल 18 दिसंबर को इंडियन नेवी में कमीशन किया गया था. उस वक्त समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.

INS Mormugao: दुश्मनों की कांप उठी रूह, INS मोरमुगाओ ने दिखाया ऐसा कमाल; खासियतें जान रह जाएंगे हैरान

Brahmos Missile: भारतीय नौसेना में पिछले साल दिसंबर में एक 'महाअस्त्र' शामिल हुआ था. इस महाअस्त्र का नाम है आईएनएस मोरमुगाओ (IND Mormugao). इससे रविवार को ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. इसने सफलतापूर्वक अपने निशाने को भेद डाला.

खास बात ये है कि आईएनएस मोरमुगाओ का निर्माण भारत में ही किया गया है. यह हिंद महासागर की लहरों पर दौड़ेगा और वहां चीन जैसे देशों की नापाक हरकतों पर नजर रखेगा.

18 दिसंबर को किया गया था कमीशन

भारत में बने आईएनएस मोरमुगाओ को पिछले साल 18 दिसंबर को इंडियन नेवी में कमीशन किया गया था. उस वक्त समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. आईएनएस मोरमुगाओ इसलिए भी अहम है क्योंकि चीन की विस्तारवादी नीति लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में हिंद महासागर में उसकी हरकतों पर नजर रखने में यह अहम रोल निभाएगा. 

अकसर चीन से हिंद महासागर में चुनौती मिलती रहती है. इसलिए पिछले साल आईएनएस मोरमुगाओ को नेवी में शामिल किया गया था. भारत में बना यह जहाज सबसे घातक वॉरशिप्स में से एक है. इसको वॉरशिप डिदाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है और निर्माण मुंबई के मडगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है. 

ये हैं खासियतें

  • आईएनएस मोरमुगाओ का वजन 7,400 टन है. इसकी चौड़ाई 17 मीटर और लंबाई 163 मीटर है. इसमें तारपीडो लॉन्चर, रॉकेट लॉन्चर और एसएडडब्ल्यू हेलीकॉप्टर का इंतजाम है. 

  • चार ताकतवर गैस टर्बाइन से लैस यह वॉरशिप 30 समुद्री मील से ज्यादा की स्पीड से दौड़ सकता है.

  • इसमें हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम, बो माउंटेड सोनार और क्लोज इन वॉर सिस्टम लगा हुआ है.

  • इसमें बराक-8 और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें लॉन्च की जा सकती है. 

  • इस युद्धपोत में जो मिसाइलें लगी हैं, उससे हवा में उड़ते विमान पर 70 किलोमीटर और पानी या जमीन में मौजूद निशाने को 300 किमी दूर से भेदा जा सकता है. इसके अलावा  इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी है.

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