BSF On India Bangladesh Border: बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने बांग्लादेश से लगती सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है. चौकियों और पैदल गश्त के साथ-साथ सेंसर्स से लैस नाइट विजन कैमरों की मदद भी ली जा रही है.
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India Bangladesh Border Security: भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जिम्मे है. बांग्लादेश में राजनीतिक और आर्थिक स्थितियां बिगड़ने के बाद चौकसी बढ़ा दी गई है. बीएसएसफ अब मादक पदार्थ और मानव तस्करी को रोकने के लिए पारंपरिक तरीकों और अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच 913 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा करने वाले बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने सुरक्षा चौकियों और पैदल गश्त जैसे पारंपरिक तरीकों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक निगरानी का व्यापक रूप से उपयोग किया है.
बांग्लादेश बॉर्डर: जहां बाड़ नहीं, वहां स्पेशल कैमरे
BSF अधिकारी के अनुसार, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा संरक्षित 913 किलोमीटर लंबी सीमा के लगभग आधे हिस्से पर अभी बाड़ लगाया जाना बाकी है. अधिकारी ने कहा कि दुर्गम इलाकों और नदी क्षेत्रों में मादक पदार्थ और मानव तस्करी को रोकने के लिए बल द्वारा कई तरीके अपनाए गए हैं.
वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि जहां बाड़ लगाने का काम अभी पूरा नहीं हुआ है, वहां हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए स्थायी कैमरों के अलावा 'पैन, टिल्ट और जूम' (पीटीजेड) कैमरे भी बड़ी संख्या में लगाए गए हैं. ‘नाइट विजन’ सुविधाओं से लैस इन कैमरों में सेंसर लगे हैं, जो सीमा पर किसी भी मानवीय गतिविधि का पता लगा सकते हैं.
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पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के पेट्रापोल में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने बताया कि नियंत्रण कक्षों के माध्यम से जानकारी प्रहरी तक पहुंचाई जाती है. पेट्रापोल कोलकाता से लगभग 110 किलोमीटर दूर है.
उन्होंने कहा कि पेट्रापोल भूमि सीमा शुल्क स्टेशन के पास बीएसएफ के एक बटालियन कमान क्षेत्र में 32 किलोमीटर लंबी सीमा में से केवल 11 किलोमीटर क्षेत्र पर बाड़ लगाई गई है जबकि शेष क्षेत्र की सुरक्षा पारंपरिक व अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से की जाती है. अधिकारी ने कहा, 'मादक पदार्थ और मानव तस्करी को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों, प्रौद्योगिकी और संसाधनों का उचित तरीके से उपयोग किया जाता है.' (भाषा)