दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के घर CBI की छापेमारी, बिना इजाजत 'क्रिएटिव टीम' बनाने पर कार्रवाई
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दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के घर CBI की छापेमारी, बिना इजाजत 'क्रिएटिव टीम' बनाने पर कार्रवाई

सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल, मोहल्ला क्लिनिक आदि के डिजाइन के लिए 'क्रिएटिव डिजायनर टीम' की सेवाएं लीं और अनुभवहीन लोगों को बेहतरीन कह कर टीम में शामिल किया गया.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के घर बुधवार (30 मई) को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छापेमारी की. आरोप है कि उन्होंने स्कूल, मोहल्ला क्लिनिक आदि के डिजाइन के लिए 'क्रिएटिव डिजायनर टीम' की सेवाएं ली और अनुभवहीन लोगों को बेहतरीन कह कर टीम में शामिल किया. इतना ही नहीं लगभग दो दर्जन लोगों को बिना अनुमति बड़ी-बड़ी रकम सैलरी के तौर पर दी गई, जिसके चलते सरकार को करोड़ों का घाटा हुआ. जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि 'क्रिएटिव डिजायनर टीम' को बनाने से पहले उप राज्यपाल से इसकी इजाजत नही ली गई थी. मंत्री सत्येंद्र जैन समेत छह जगहों पर सीबीआई ने छापेमारी की कार्रवाई की है.

  1. जैन ने बिना इजाजत बनाई 'क्रिएटिव डिजायनर टीम'.
  2. इस टीम का काम स्कूल और मोहल्ला क्लिनिक के लिए डिजाइन तैयार करना था. 
  3. अनुभवहीन लोगों को बेहतरीन कह कर टीम में शामिल किया गया.

सीबीआई ने दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है. सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई ने ये दूसरा मामला दर्ज किया है. इससे पहले आय से अधिक संपत्ति (धन शोधन) का मामला दर्ज किया गया था.

मंत्री ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा, पीडब्ल्यूडी विभाग में क्रिएटिव लोगों को नियुक्त करने के लिए सीबीआई ने मेरे घर पर छापेमारी की है. अलग-अलग परियोजनाओं के लिए प्रोफेशनल्स की नियुक्ति की गई थी. सभी को सीबीआई ने जबर्दस्ती जाने को कह दिया.'

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी घटना पर ट्वीट करते हुए कहा, 'सत्येंद्र जैन के घर सुबह सुबह सीबीआई की रेड चल रही है. आरोप है कि उन्होंने स्कूल, मोहल्ला क्लिनिक आदि के डिजाइन के लिए 'क्रिएटिव डिजायनर टीम' की सेवाएं लीं. पूर्व एलजी नजीब जंग ने जाते जाते CBI को ये मामला सौंपा था. जंग की एक अन्य शिकायत को दो दिन पहले सीबीआई क्लोज़ कर चुकी है.'

इसके तुरंत बाद एक अन्य ट्वीट में सिसोदिया ने कहा सीबीआई की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने लिखा, नीति आयोग की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के इस 'क्रिएटिव टीम मॉडल' से सीखने की बात कही गई है. प्राइवेट अस्पतालों की मुनाफाखोरी के खिलाफ सत्येंद्र जैन की सख्त नीतियां जब जनता में चर्चा में हैं तो सीबीआई रेड करा दो. इन लॉबियों से आम आदमी पार्टी नही डरने वाली.'

धन शोधन मामले में भी फंसे हैं सत्येंद्र जैन
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में आम आदमी पार्टी (आप) नेता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को संज्ञान में लेते हुए ईडी ने पिछले साल अगस्त में जैन और पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने अप्रैल 2017 में जैन के खिलाफ जांच की शुरुआत की और उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की. यह प्राथमिकी 2015-16 में 4.63 करोड़ रुपये के धनशोधन के मामले से जुड़े साक्ष्यों के आधार पर दर्ज की गई थी. इससे पहले बीते 3 और 11 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के एक मामले में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया था.

11.78 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
जैन कोलकाता की प्रयास इंफो प्राइवेट लिमिटेड, अकीचंद डेवलपर्स और मंगलायतन प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित एक घोटाले में आरोपी हैं. आरोप है कि इस दौरान जैन और उनकी पत्नी के पास कंपनी की एक-तिहाई हिस्सेदारी थी. जैन पर 2010-11 में इन कंपनियों और दिल्ली की एक कंपनी इंडो-मेटल इंडेक्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा 11.78 करोड़ रुपये के धन शोधन का आरोप है.

मंत्री पर अपने कर्मचारियों और सार्वजनिक सहयोगियों की सहायता से कोलकाता के एंट्री ऑपरेटरों और फर्जी कंपनियों को रुपये देने का आरोप है. इसके बाद, एंट्री ऑपरेटरों ने उस काले धन को निवेश के रूप में प्रयास इंफो प्राइवेट लिमिटेड, अकीचंद डेवलपर्स, मंगलायतन प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और इंडो-मेटल इंडेक्स प्राइवेट लिमिटेड में लगा दिया था. सभी कंपनियों पर जैन का ही स्वामित्व है. सीबीआई ने कहा था कि कंपनी के शेयर अपनी मूल कीमत से 60 गुना अधिक हो गए थे.

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