जवानी में अक्सर लोग ऐसा काम कर बैठते है जिससे उन्हें बाद में पछताना पड़ता है और उनका भविष्य बर्बाद हो जाता है. इसी को लेकर आचार्य चाणक्य ने युवाओं को इन चीजों से दूर रहने की हिदायत दी है.
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Chanakya Niti: ऐसा कहा जाता है कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं. अगर शुरुआत से ही ये सही रास्ते पर चलें तो इनका जीवन संवर जाता है. जीवन में जवानी ऐसा पड़ाव होता है जिसमें बच्चे राह से भटकने लगते हैं. इसी को लेकर चाणक्य का कहना है कि अगर जीवन में सफलता पानी है तो कुछ चीजों से दूर रहने में ही भलाई है. अगर ऐसा नहीं किया तो आज से साथ भविष्य भी खराब हो जाएगा. आइए जानते हैं कि चाणक्य किन चीजों के बारे में बात कर रहे हैं.
1. आलस:
आजकल की पीढ़ी का सबसे बड़ा दुश्मन आलस है. बड़े-बूढ़ें भी कह गए हैं कि जवानी में मेहनत कर ली को बुढ़ापा संवर जाएगा. चाणक्य का कहना है कि आलस लोगों को सफल होने में रूकावट पैदा करता है. समय का हमेशा सदुपयोग करना चाहिए. जवानी में किया गया संघर्ष ही भविष्य रो सुधार सकता है और आलस से कुछ हासिल नहीं होता.
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2. क्रोध:
जीवन मे कामयाबी पाने में अगर कोई रुकावट पैदा करता है तो वो आपका क्रोध होता है. गुस्से में किया गया काम हमेशा बुरा ही होता है. जिससे कभी कुछ अच्छा हासिल नहीं होता. गुस्से से बच्चे-बड़े सभी को नुकसान पहुंचता है. युवाओं को अपने क्रोध पर काबू करना बहुत जरूरी है क्योंकि उनका एक कदम भविष्य पर कालिख पोत सकती है और गुस्सा आपकी उन्नति में बाधा बन सकता है. इतना ही नहीं आपके गुस्से का कोई गलत फायदा भी उठा सकता है.
3. संगत:
इंसान की संगती उसके जीवन पर गहरा प्रभाव ड़ालती है. गलत लोगों की संगती मनुष्य में बूरी काम करने की भावना को उत्पन्न कर देती है. बुरे काम जैसे नशा, लड़ाई-झगड़ा आदि कामों से दूरी बनाए रखने में ही भलाई है, इससे सफलता करीब आती है. जवानी के दिनों में ही संगत पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि ये ही आपकी दिशा और दशा को तय करती है. इस उम्र में सब अपना अच्छा बुरा समझने लगते हैं. इसके दौरान उनकी आदतों को टोकने पर ये नजरअंदाज करते हैं, जिससे उन्हें भविष्य में पछताना पड़ता हैं.