Delhi के व्यापारियों को जल्द मिलेगा तोहफा, वर्षों से बंद पड़ी दुकानों से हट सकती है सील
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Delhi के व्यापारियों को जल्द मिलेगा तोहफा, वर्षों से बंद पड़ी दुकानों से हट सकती है सील

Delhi News: लोकल शॉपिंग सेंटर में एमसीडी की तरफ से लगाए जाने वाले अवैध कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क पर सीएम केजरीवाल जल्द राहत दे सकते हैं. दिल्ली के व्यापारियों के साथ हुई बैठक में इसको लेकर मंत्री और मेयर को निर्देश दिए जा चुके हैं. 

 

Delhi के व्यापारियों को जल्द मिलेगा तोहफा, वर्षों से बंद पड़ी दुकानों से हट सकती है सील

नई दिल्ली: लोकल शॉपिंग सेंटर (LSC) में MCD की तरफ से लगाए जाने वाले अवैध कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क पर सीएम अरविंद केजरीवाल जल्द राहत दे सकते हैं. अवैध कन्वर्जन और पार्किंग फीस न देने पर सील पांच सौ दुकानों के व्यापारियों ने आज सीएम से मुलाकात की. व्यापारियों ने अवैध कन्वर्जन और पार्किंग चार्ज न देने पर एमसीडी की ओर से सील की गई करीब 500 दुकानों का मसला उठाया. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा हम आपके साथ, जल्द रास्ता निकालेंगे. कई सालों से व्यापारी की 500 से ज्यादा दुकानें सील पड़ी हैं. 

CM ने  शहरी विकास मंत्री और मेयर को दिए निर्देश 
सीएम ने शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) और MCD मेयर शैली ओबेरॉय (Shelly Oberoi) को समस्या का जल्द समाधान निकालने के निर्देश दिए. जिन बाजारों में सीलिंग चल रही है उनके लिए भी समाधान निकाला जाएगा. शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी ने कुछ साल पहले मार्केट को कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क के नोटिस देने शुरू किए जो कि लाखों रुपये में थे. उन नोटिस के चलते दुकानों को सील कर दिया.

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'BJP की एमसीडी सरकार में कन्वर्जन शुल्क की लड़ाई लड़ी'
सिविल लाइंस स्थित सीएम आवास पर लोकल शॉपिंग सेंटर फेडरेशन के अध्यक्ष राजेश गोयल, महासचिव विशाल ओहरी ने व्यापारियों के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. यह फेडरेशन 106 मार्केट एसोशिएशन का प्रतिनिधित्व करता है. व्यापारियों ने बैठक में सीएम केजरीवाल और, मंत्री सौरभ भारद्वाज को कमर्शियल दुकानों की सीलिंग की समस्या से अवगत कराया. एलएससी फेडरेशन के अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि हमने कई गुना महंगी जगह खरीदी, जिससे कि घर से व्यापार न करना पड़े. हम पर पहले भारी भरकम कन्वर्जन शुल्क लगाया. इसके बाद बीजेपी की एमसीडी सरकार 2018 में अमेंडमेंट लेकर आई. इसमें कहा कि व्यवसायिक दुकानें हैं इस वजह से अब कन्वर्जन शुल्क नहीं देना होगा, लेकिन इसके बाद भी कन्वर्जन शुल्क की लड़ाई लड़ रहे हैं.

पांच साल से करीब 500 दुकानें है सील 
विशाल ओहरी ने कहा कि अभी भी पांच साल से करीब 500 दुकानें सील पड़ी हुई हैं. साथ ही कहा कि एमसीडी अगर सहयोग करे तो दुकानें खुल जाएंगी. भाजपा की पिछली सरकार की वजह से एमसीडी, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को करीब 5 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है.

व्यापारियों के लिए समाधान निकाला जाएगा- CM 
इसके बाद सीएम केजरीवाल ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि कुछ दिनों के अंदर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से इन सभी व्यापारी की 500 से ज्यादा दुकानें सील पड़ी हैं. साथ ही कहा कि समाधान निकाला जाएगा कि किस तरह से वाजिब दाम देकर उनकी दुकानों को वैध स्टेटस दिया जाए. जिससे कि उनको बाद में शोषण का सामना न करना पड़े. एमसीडी उनको कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क के लिए परेशान न किया जा सके.

एमसीडी ने गैर कानूनी तरीके से दादागिरी दिखाकर मार्केट को किया सील- सौरभ भारद्वाज 
दिल्ली सरकार में शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली के अंदर बड़ी-बड़ी मार्केट हैं, जिनमें ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्स, डिफेंस कॉलोनी, कीर्ति नगर, ग्रीन पार्क, प्रिया सिनेमा मार्केट आदि शामिल हैं. इनको दिल्ली के अंदर लोकल शॉपिंग सेंटर (एलएससी) कहा जाता है. कुछ सालों पहले एमसीडी ने मार्केट को कन्वर्जन और पार्किंग शुल्क के नोटिस देने शुरू किए जो कि लाखों रुपए के थे. यह किसी भी दुकानदार के लिए आसान नहीं था कि इतना पैसा दे दिया जाए. उन नोटिस के चलते एमसीडी ने चलती हुई दुकानों को सील कर दिया. इस तरह के 2018 में कई वीडियो और फोटो सामने आए, जिनमें रोते बिलखते हुए दुकानदार देखे गए. एमसीडी ने गैर कानूनी तरीके से दादागिरी दिखाकर मार्केट को सील कर दिया. डिफेंस कॉलोनी के अंदर आज भी अधिकांश दुकानें सील हैं. पूरी दिल्ली में लगभग 500 दुकानें एमसीडी ने सील कर रखी हैं.

MCD और दिल्ली सरकार को करीब 5 हजार करोड़ का नुकसान
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को व्यापारियों ने बताया कि एमसीडी और दिल्ली सरकार को सीलिंग से करीब पांच हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. सील की गई दुकानों का जो हाउस टैक्स बनता है वो एमसीडी को नहीं मिला. इसके अलावा सरकार को जीएसटी नहीं मिला. जबकि एमसीडी 120 करोड़ रुपए में से 80 करोड़ रुपए वसूल चुका था. ऐसे में सिर्फ 40 करोड़ रुपए के लिए हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है.

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