Haryana News: रविवार को गांव नाथूपुर में महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें नगर निगम के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर रोष प्रकट किया गया. इस महापंचायत में 30 गांवों के लोगों ने भाग लिया.
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Haryana News: नगर निगम के खिलाफ अब गुड़गांव निवासियों के मन में इस कदर गुस्सा भर गया है कि लोग आंदोलन की राह पकड़ने लगे हैं. गुड़गांव के अलग-अलग एरिया में नगर निगम द्वारा की जा रही कार्रवाई का लगातार विरोध होने लगा है और अब महापंचायत कर प्रशासन को चेतावनी दी जाने लगी है. इसी कड़ी में रविवार को गांव नाथूपुर में महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें नगर निगम के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर रोष प्रकट किया गया. इस महापंचायत में 30 गांवों के लोगों ने भाग लिया और नगर निगम द्वारा की जा रही तानाशाही को रुकवाने के लिए 15 जून को जिला उपायुक्त कार्यालय पर धरना देने का ऐलान किया. लोगों का कहना है कि अगर नगर निगम ने अपना तानाशाही रवैया न बदला तो जल्द ही महापंचायत कर आंदोलन की राह पकड़ ली जाएगी.
लोगों में है नाराजगी
दरअसल, नगर निगम द्वारा गुड़गांव की कॉलोनियों ही नहीं बल्कि पुराने बसे गांवों में भी तोड़फोड़ की जा रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारी लाल डोरे में न तो मकान बनाने दे रहे हैं और न ही उन्हें सुविधाएं दे रहे हैं, जब मकान की नींव खोदी जाती है तो उस वक्त कोई नहीं आता, लेकिन जैसे ही मकान दो मंजिल का बनकर तैयार हो जाता है तो अचानक नगर निगम के अधिकारी प्रकट हो जाते हैं और नोटिस चिपकाकर उनके निर्माणाधीन मकान को तोड़ देते हैं. इतना ही नहीं नगर निगम द्वारा लोगों की निजी संपत्ति को अपना बताया जा रहा है. ऐसे में आए दिन तोड़फोड़ कर लोगों में दहशत फैलाई जा रही है.
भ्रष्टाचार का अड्डा बना है निगम
ग्रामीणों की मानें तो नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. जो लोग निगम अधिकारियों की मांग पूरी कर देते हैं. उनके साथ कुछ नहीं किया जाता है. वहीं जो लोग निगम अधिकारियों का मुंह बंद नहीं कर पाते उनके निर्माण अवैध हो जाते हैं. लोगों का कहना है कि नगर निगम का गठन 2008 में हुआ है और गांव सैकड़ों साल पुराने हैं. वर्षो से गांवों की चकबंदी तक नहीं हुई है. ऐसे में नगर निगम अधिकारी यह कैसे निर्णय ले सकते हैं कि गांव की जमीन नगर निगम की है.
15 को देंगे धरना
ग्रामीणों ने महापंचायत कर नगर निगम और जिला प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया है कि यदि नगर निगम अधिकारियों का यह तानाशाही रवैया न रुका तो वह आंदोलन को विवश हो जाएंगे. फिलहाल वह 15 जून को सांकेतिक रूप से धरना देते हुए अपनी मांगों को जिला उपायुक्त निशांत यादव के समक्ष रखेंगे. अगर इसके बाद भी नगर निगम की मनमानी न रुकी तो वह आंदोलन की राह पकड़ लेंगे.
इनपुट- योगेश कुमार