Delhi Election 2025: बीजेपी के लिए सत्ता वापसी का फॉर्मूला, वोट शेयर के गणित में छिपी है जीत की चाबी
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Delhi Election 2025: बीजेपी के लिए सत्ता वापसी का फॉर्मूला, वोट शेयर के गणित में छिपी है जीत की चाबी

Delhi Vidhan Sabha Election: 2015 का चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए सबसे शानदार रहा था, लेकिन 2020 में उसका वोट शेयर थोड़ा कम हो गया. इस बार आप के सामने बीजेपी की आक्रामक रणनीति और कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव की चुनौती है. ऐसे में सत्ता में वापसी के लिए आप को फिर से 2015 जैसी मजबूत पकड़ बनानी होगी.

 

Delhi Election 2025: बीजेपी के लिए सत्ता वापसी का फॉर्मूला, वोट शेयर के गणित में छिपी है जीत की चाबी

Formula For BJP to Return to Power: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका है. चुनावी माहौल गरमा गया है और हर राजनीतिक दल अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है. बीजेपी के लिए यह चुनाव खासा महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी 26 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर है. आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के साथ बीजेपी का सीधा मुकाबला होने की संभावना है. इस बार बीजेपी का फोकस वोट शेयर में बदलाव और सीटों पर मजबूत पकड़ बनाने पर है.

बीजेपी के लिए क्या है समीकरण?
दिल्ली में सत्ता वापसी के लिए बीजेपी को वोट शेयर के खेल को अच्छे से साधना होगा. पिछले 2020 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा था, हालांकि पार्टी केवल 8 सीटें जीत पाई. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बीजेपी कुछ खास इलाकों में वोट शेयर में मामूली बढ़त हासिल कर ले, तो चुनावी तस्वीर बदल सकती है. 2020 में 70 सीटों में से 65 पर बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा था. 42 सीटों पर यह बढ़त 5% से अधिक रही और 18 सीटों पर 10% से ज्यादा. नजफगढ़ जैसी सीटों पर बीजेपी ने 21% वोट शेयर बढ़ाया था, जिससे संकेत मिलता है कि सही रणनीति से वह निर्णायक बढ़त हासिल कर सकती है.

कहां करना होगा बीजेपी को फोकस?
उत्तर और उत्तर-पश्चिम दिल्ली बीजेपी के लिए निर्णायक क्षेत्र हो सकते हैं. चांदनी चौक, नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली और नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली जैसे इलाकों में बीजेपी की पकड़ मजबूत हो रही है. ये क्षेत्र बीजेपी के लिए गेमचेंजर साबित हो सकते हैं. साथ ही, कांग्रेस के प्रदर्शन का भी बीजेपी की संभावनाओं पर बड़ा असर पड़ सकता है. 2020 में बीजेपी ने 38 सीटों पर 40% वोट शेयर हासिल किया था, लेकिन कांग्रेस अगर इस बार इन सीटों पर 10% वोट शेयर ले जाती है, तो यह आप और बीजेपी के बीच का समीकरण बिगाड़ सकती है.

आम आदमी पार्टी के लिए बढ़ी चुनौतियां
आप के लिए 2015 का चुनाव सबसे बेहतरीन था, लेकिन 2020 में वोट शेयर में गिरावट दर्ज हुई. इस बार आम आदमी पार्टी के सामने बीजेपी की आक्रामक रणनीति और कांग्रेस के उभरने की चुनौती है. आप को सत्ता में वापसी के लिए 2015 जैसी पकड़ दोबारा बनानी होगी.

नतीजा क्या होगा?
दिल्ली चुनाव 2025 का परिणाम पूरी तरह इस बात पर निर्भर करेगा कि बीजेपी किस हद तक वोट शेयर बढ़ा पाती है और कांग्रेस कितनी सीटों पर प्रभाव डाल पाती है. आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव अपनी पकड़ बरकरार रखने की लड़ाई है, जबकि बीजेपी के लिए यह 26 साल के इंतजार को खत्म करने का सुनहरा मौका.

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