Who next CM of Delhi: भाजपा ने राजस्थान में भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर सभी को हैरान कर दिया था. अगर यही तरीका दिल्ली में अपनाया जाता है, तो कोई कम चर्चित या नए नेता को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
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Delhi Election Results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजे भाजपा के पक्ष में जाते दिख रहे हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) का किला ढहता नजर आ रहा है और अरविंद केजरीवाल खुद अपनी सीट पर संघर्ष कर रहे हैं. मुख्यमंत्री पद की प्रबल दावेदार आतिशी भी पीछे चल रही हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि अगर भाजपा सरकार बनाती है, तो दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा.
कौन कितने मजबूत?
भाजपा के संभावित मुख्यमंत्री चेहरों में प्रवेश वर्मा, वीरेंद्र सचदेवा, मनोज तिवारी और रमेश बिधूड़ी जैसे नाम चर्चा में हैं. लेकिन भाजपा का इतिहास बताता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह अक्सर चौंकाने वाले फैसले लेते हैं.
प्रवेश वर्मा: पश्चिमी दिल्ली के प्रभावशाली नेता और पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे है. अगर वे अरविंद केजरीवाल को हराने में सफल होते हैं, तो उनका दावा और मजबूत हो जाएगा. भाजपा के पास स्थानीय जाट नेतृत्व को आगे बढ़ाने का भी यह सुनहरा मौका हो सकता है.
वीरेंद्र सचदेवा: दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने संगठन को नई ऊर्जा दी. उनके नेतृत्व में भाजपा ने AAP को कड़ी टक्कर दी और चुनावी बढ़त बनाई. संगठन की मजबूती और चुनावी जीत के रणनीतिकार होने के कारण वे मजबूत दावेदार बन सकते हैं.
मनोज तिवारी: भोजपुरी अभिनेता और सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली में पूर्वांचली वोट बैंक को भाजपा की तरफ मोड़ने में अहम भूमिका निभाई. हालांकि, वे सांसद हैं और दिल्ली में विधान परिषद नहीं है, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए पहले विधानसभा का सदस्य बनाना होगा, जो जटिल प्रक्रिया होगी.
रमेश बिधूड़ी: तेजतर्रार और आक्रामक नेता रमेश बिधूड़ी भी इस दौड़ में हैं, लेकिन उनके विवादित बयानों और पार्टी को असहज करने वाले रवैये के कारण उनकी संभावनाएं थोड़ी कम नजर आती हैं.
क्या दिल्ली में भी 'सरप्राइज़ मुख्यमंत्री' होगा?
भाजपा ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में भजनलाल शर्मा और मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर सभी को चौंका दिया था. अगर यही फॉर्मूला दिल्ली में अपनाया जाता है, तो किसी अनजान या बैकबेंचर नेता को यह जिम्मेदारी मिल सकती है.
प्रवेश वर्मा बनाम वीरेंद्र सचदेवा?
अगर भाजपा किसी स्थानीय मजबूत चेहरे को तरजीह देती है, तो मुकाबला प्रवेश वर्मा और वीरेंद्र सचदेवा के बीच हो सकता है. अगर प्रवेश वर्मा अरविंद केजरीवाल को हराने में सफल होते हैं, तो वे स्वाभाविक पसंद होंगे. वहीं, अगर संगठन की मजबूती को आधार बनाया जाता है, तो वीरेंद्र सचदेवा बाजी मार सकते हैं. अब देखना यह है कि भाजपा दिल्ली में अपने पारंपरिक फॉर्मूले पर चलती है या फिर नया प्रयोग करती है.
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