Dera Sacha Sauda chief: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह, जो अपनी दो शिष्यों से बलात्कार के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा है, इस साल तीसरी बार 40 दिन की पैरोल पर रिहा हुआ है. जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम ने अपनी मुंह बोली बेटी हनीप्रीत का नाम बदल दिया है.
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Gurmeet Ram Rahim and Honeypreet: जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह, जो अपनी दो शिष्यों से बलात्कार के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा है, इस साल तीसरी बार 40 दिन की पैरोल पर रिहा हुआ है. गुरमीत राम रहीम सिंह के परिवार ने उसके लिए पैरोल मांगी थी. जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम ने अपनी मुंह बोली बेटी हनीप्रीत का नाम बदल दिया है. उसने हनीप्रीत का जो नया नाम रखा है वो रुहानी दीदी उर्फ रुह दीदी है.
गुरमीत राम रहीम सिंह ने कहा, हमारी बेटी का नाम हनीप्रीत है. चूंकि हर कोई उन्हें 'दीदी' कहता है, इसलिए यह भ्रम पैदा करता है क्योंकि हर कोई 'दीदी' है. इसलिए हमने अब उसका नाम 'रुहानी दीदी' रखा है और इसका उच्चारण आसान करने के लिए 'रुह दी' किया है.
Our daughter is called Honeypreet. Since everyone calls her 'didi', it causes confusion as everyone is 'didi'. So we have now named her 'Ruhani Didi' & modernised it to easy to pronounce, 'Ruh Di': Dera Sacha Sauda chief Gurmeet Ram Rahim
(Source: Dera Sacha Sauda social media) pic.twitter.com/L4qFaOMmje
— ANI (@ANI) October 26, 2022
2017 से जेल में बंद है राम रहीम
बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से राम रहीम 2017 से सुनारिया जेल में बंद है. राम रहीम 15 अक्टूबर को जेल से बाहर आया. पिछले साल राम रहीम को उसकी पत्नी हरजीत कौर की इस याचिका पर पैरोल दी गई थी कि हृदय रोग से पीड़ित उनकी 85 वर्षीय मां नसीब कौर गंभीर रूप से बीमार हैं. जून 2019 में, राम रहीम ने अपनी पैरोल याचिका वापस ले ली थी, जब राज्य की भाजपा सरकार को विपक्षी दलों ने राम रहीम का पक्ष लेने के लिए घेर लिया था.
साथ ही, उच्च न्यायालय ने उनकी दत्तक बेटी के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए उनकी पैरोल याचिका को खारिज कर दिया था. अगस्त 2017 में दो महिलाओं से रेप के आरोप में राम रहीम को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. जनवरी 2019 में पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने भी राम रहीम और तीन अन्य को 16 साल पहले पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. 25 अगस्त, 2017 को उनकी सजा के कारण पंचकुला और सिरसा में हिंसा हुई थी, जिसमें 41 लोग मारे गए थे और 260 से अधिक घायल हो गए थे.
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