Eknath Shinde: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चेतावनी देते हुए कहा है कि मैं कार्यकर्ता हूं, लेकिन बालासाहेब और दिघे साहब का कार्यकर्ता हूं, इसलिए सभी को मेरे साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए.
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Eknath Shinde Warning: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने एक बार फिर अपने राजनीतिक विरोधियों और सहयोगियों को कड़ा संदेश दिया है. एकनाथ शिंदे ने चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्हें कमतर न आंकें. अपने राजनीतिक सफर और 2022 के विद्रोह पर बोलते हुए शिंदे ने कहा कि वह कोई साधारण पार्टी कार्यकर्ता नहीं हैं, बल्कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और उनके गुरु आनंद दिघे के शिष्य हैं. बता दें कि साल 2022 में एकनाथ शिंदे के विद्रोह ने राज्य के राजनीति को नया आकार दिया.
एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने संवाददाताओं से कहा, 'मैंने पहले भी कहा है- जो लोग मुझे हल्के में लेते थे... मैं कार्यकर्ता हूं, लेकिन बालासाहेब और दिघे साहब का कार्यकर्ता हूं, इसलिए सभी को मेरे साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए. जब उन्होंने मुझे हल्के में लिया तो मैंने 2022 में सरकार पलट दी और लोगों की पसंद की सरकार लाई.'
VIDEO | Responding to a media query on his 'don't take me lightly' remark, Maharashtra Deputy CM Eknath Shinde (@mieknathshinde) says: "I have said this earlier too, those who took me lightly... I am a worker, but a worker of Balasaheb (Thackeray) and (Anand) Dighe, so everyone… pic.twitter.com/UcwbAVpLuG
— Press Trust of India (@PTI_News) February 21, 2025
2 टुकड़ों में बंट गई थी शिवसेना
साल 2022 में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत के बाद शिवसेना का विभाजन हो गया था और पार्टी के कई विधायक उनके साथ चले गए थे. इसके बाद उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी. भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के साथ उनके गठबंधन ने उन्हें राज्य में एक प्रमुख स्थान दिलाया और इस उपलब्धि का उन्होंने गर्व से उल्लेख किया. उन्होंने कहा, 'उस समय, मैंने विधानसभा में अपने पहले भाषण में कहा था कि मैं और देवेंद्र फडणवीस 200 से अधिक सीटें जीतेंगे और हमें 232 सीटें मिलीं. इसलिए, मुझे हल्के में न लें- जिन्हें इस संकेत को समझने की आवश्यकता है, उन्हें इसे समझना चाहिए.'
किसकी तरफ था एकनाथ शिंदे का इशारा
हाल के समय में महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन में शिवसेना और बीजेपी के बीच खटपट की कुछ खबरें आई थीं और इसे कोल्ड वॉर बताया जा रहा था. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि एकनाथ शिंदे नाराज चल रहे हैं और देवेंद्र फडणवीस की कई बैठकों में वह शामिल नहीं हुए थे. इसके साथ ही कई फैसलों पर भी सवाल उठा और कहा जाने लगा था कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच तकरार बढ़ गई है. हालांकि, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के शपथग्रहण समारोह में एकनाथ शिंदे और सीएम देवेंद्र फडणवीस मुस्कुराते नजर आए और एक-दूसरे के बगल में दिखे. इससे साफ हो गया है कि बीजेपी ने दोनों के बीच की खटपट को खत्म कर दिया है.
इस बीच, नागपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने शिवसेना-यूबीटी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बालासाहेब ठाकरे के विचारों को छोड़ने वाले और अच्छे लोगों को पार्टी से बाहर करने वाले नेताओं को विधानसभा चुनाव में जनता ने पीछे धकेल दिया और हमेशा के लिए घर बैठा दिया. उन्होंने कहा, 'शिवसेना बालासाहेब ठाकरे और धर्मवीर आनंद दिघे के विचारों को आगे बढ़ाने वाली पार्टी है. इसलिए, राज्य भर से विभिन्न दलों के नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता शिवसेना में शामिल हो रहे हैं.'
मैं धमकियों से नहीं डरता: एकनाथ शिंदे
ई-मेल से मिली धमकी पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा, 'मैं बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे का कार्यकर्ता हूं. आनंद दिघे के रहते डांस बार बंद थे. उस समय भी कई धमकियां मिली थीं. जब मैं गढ़चिरौली का संरक्षक मंत्री था, तब माओवादियों ने धमकियां दी थीं, लेकिन गढ़चिरौली पुलिस ने वामपंथी उग्रवादियों को रोकने का काम किया. मैं धमकियों से नहीं डरता... मैं हमेशा मजबूत रहने वाला व्यक्ति हूं.' इस बीच, मुंबई पुलिस ने धमकी भरे ई-मेल के सिलसिले में बुलढाणा से दो संदिग्धों- मंगेश अच्युतराव वायल (35) और अभय गजानन शिंगणे (22) को गिरफ्तार किया है. धमकी के पीछे के मकसद का पता लगाने के लिए जांच जारी है.