जब तीसरे देश में मिले भारत-चीन, कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर हुई चर्चा, क्या निकला?
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जब तीसरे देश में मिले भारत-चीन, कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर हुई चर्चा, क्या निकला?

G20 Summit: जोहांसबर्ग में विदेश मंत्री जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) ने मुलाकात की. इस दौरान भारत-चीन के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई. माना जा रहा है कि दोनों के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) और SCO के मैनेजमेंट पर काफी गहराई से मंथन होने की खबर आई.

 

जब तीसरे देश में मिले भारत-चीन, कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर हुई चर्चा, क्या निकला?

Kailash Mansarovar Yatra: भारत और चीन को लेकर एलएसी (LAC) यानी सीमा पर फिलहाल दिख रही शांति के बीच हजारों किलोमीटर दूर भारत और चीन के नेताओं की मुलाकात हुई है. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और चीनी विदेश मंत्री वांग यी () ने दक्षिण अफ्रीका में अपनी मुलाकात के दौरान चीन-भारत संबंधों में प्रगति, सीमा क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने तथा कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली पर भी चर्चा की है. 

जी-20 के इतर मिले भारत-चीन

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. जोहानिसबर्ग में G-20 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर दोनों मंत्रियों की मुलाकात हुई. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेसवार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि जयशंकर और वांग के बीच यह बैठक करीब 30 मिनट तक चली. उन्होंने कहा, ‘दोनों मंत्रियों ने नवंबर में अपनी पिछली बैठक के बाद से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की.

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सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने, कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली, उड़ान कनेक्टिविटी और यात्रा की सुगमता पर चर्चा की गई.’ जयशंकर जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की दो दिवसीय यात्रा पर जोहानिसबर्ग में हैं.

कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर क्या निकला?

भारत और चीन दोनों के बीच इस विषय को लेकर काफी मंथन हो चुका है. दोनों इस विषय पर आगे बढ़ चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक अभी इस पर कोर्स ऑफ एक्शन तय हो चुका है. इससे पहले विदेश मंत्रालय (MEA) की एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, भारत और चीन 2025 में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमत हो गए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू हो जाएगी.

सटीक तारीख की घोषणा भी जल्द की जाएगी. साल 2020 से कैलाश मानसरोवर यात्रा और दोनों देशों के बीच फ्लाइट सर्विस 2020 से बंद थी.  जिसकी वजह दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और कोरोना वायरस था, लेकिन अब उम्मीद है कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल गर्मियों में शुरू की जाएगी. अगर आप भी कैलाश मानसरोवर यात्रा करना चाहते हैं, तो आपको ये तकनीकि बातें जरूर पता होनी चाहिए.  

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आप कैसे कर सकते हैं मानसरोवर यात्रा?

अगर आप भी पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो इसकी दो प्रमुख शर्ते हैं. पहली आपको फिजिकली यानी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना चाहिए. दूसरा आपके पास डॉक्यूमेंट्स यानी सरकारी मंजूरी के कागज होने चाहिए. डॉक्यूमेंट्स की बात करें तो कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए यात्रा परमिट की आवश्यकता होती है.

इसके साथ ही चीन का वीजा, तिब्बत यात्रा परमिट, अन्य यात्रा दस्तावेज जैसे विदेशी मामलों का परमिट और सैन्य परमिट के अलावा सभी तरह के पहचान पत्र (आधार कार्ड) और नागरिकता जैसे पेपर्स आपके पास होने चाहिए. ​साल 2020 तक हर साल जून से सितंबर तक कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन होता था. इस साल भी जून के महीने में यात्रा शुरू होने की उम्मीद है. हिंदू मान्यताओं में 'मानसरोवर' को वो झील बताया गया है जिसे भगवान ब्रह्मा ने बनाया था. मान्यता है कि कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान है जहां वह पार्वती माता के साथ रहते हैं. (भाषा)

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