पिछले एक दशक में ऐसा देखा गया है कि भाजपा किसी भी राज्य के चुनाव के लिए साल या दो साल पहले से तैयारी शुरू कर देती है लेकिन कांग्रेस गुजरात को लेकर लीड लेने के मूड में है. उसने दो साल पहले ही एक बड़ी रणनीति के तहत काम करना शुरू किया है. गुजरात में 61 साल बाद अधिवेशन बुलाना इसकी एक शुरुआती कड़ी है.
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भाजपा की चुनावी रणनीति का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने 2027 चुनाव की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं. हां, पार्टी ने 64 साल बाद गुजरात में कांग्रेस अधिवेशन की योजना बनाई है. अप्रैल में इस कार्यक्रम से विधानसभा चुनाव की तैयारी औपचारिक तौर पर शुरू हो जाएगी. करीब 30 साल से गुजरात में कांग्रेस सत्ता से बाहर है. उसने कई बार पूरी ताकत झोंकी लेकिन असफलता ही हाथ लगी. हाल के नगरपालिका चुनावों में भी निराशाजनक परिणाम मिला. अब कांग्रेस मिशन 2027 के तहत अभी से चुनावी मोड में एक्टिव होना चाहती है.
इससे पहले 1961 में कांग्रेस अधिवेशन भावनगर में हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के कारण गुजरात का हर चुनाव महत्वपूर्ण होता है. पूरे देश में इसकी चर्चा होती है. ऐसे में कांग्रेस को लगता है कि मनोवैज्ञानिक तौर पर बढ़त लेनी है तो भाजपा को गुजरात में हराना होगा.
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कांग्रेस आने वाले 1-2 महीने में ही अगले दो साल के कार्यक्रम तैयार कर लेगी. पार्टी के शीर्ष नेताओं के राज्य में दौरे भी बढ़ जाएंगे. गुजरात के कांग्रेस नेता कहते रहे हैं कि राहुल गांधी ने पिछले साल ही गुजरात में भाजपा को हराने की चुनौती दे दी थी. तब उन्होंने संसद में कहा था कि आप लिखकर ले लो. हम इस बार गुजरात में आपको हराएंगे. विपक्षी इंडिया गठबंधन भाजपा को गुजरात में हराएगा.
हालांकि जिस तरह से कांग्रेस को एक के बाद एक हार मिल रही है, उससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल डाउन है. अब अधिवेशन के जरिए कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं में जान फूंकने की कोशिश कर रही है. उसकी कोशिश होगी कि भाजपा के खिलाफ वोटरों को साधा जा सके. पिछले यानी 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भी पांच सीटें जीत ली थी.
1995 से कांग्रेस पीछे
साल 1995 के बाद भाजपा गुजरात विधानसभा में 100 से ज्यादा सीटें जीतती आ रही है. 2017 में कांग्रेस ने भाजपा के विजय रथ को 99 पर रोका. 2022 में भाजपा को 53 प्रतिशत वोट मिले थे और 148 सीटें मिलीं. कांग्रेस केवल 17 सीटें जीत पाई. अब कांग्रेस अपने अच्छे दिन लाने की कोशिश में काफी पहले से जुट गई है.
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