Southwest Monsoon Prediction: दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान, उत्तर पश्चिम भारत, पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में सामान्य से लेकर सामान्य से कम बारिश हो सकती है. वहीं, प्रायद्वीपीय क्षेत्र, इससे सटे पूर्वी, पूर्वोत्तरी क्षेत्रों के कई हिस्सों में तथा उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य बारिश हो सकती है.
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इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) के दौरान भारत में सामान्य वर्षा होगी. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान, उत्तर पश्चिम भारत, पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में सामान्य से लेकर सामान्य से कम बारिश (Rainfall Prediction) हो सकती है. वहीं, प्रायद्वीपीय क्षेत्र, इससे सटे पूर्वी, पूर्वोत्तरी क्षेत्रों के कई हिस्सों में तथा उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य बारिश हो सकती है.
मौसम विभाग ने बताया कि इस वर्ष देश में जून से सितंबर तक के महीनों में 83.5 मिलीलीटर बारिश होगी. विभाग ने कहा कि इस वर्ष जून से लेकर सितंबर तक 96 फीसदी बारिश रिकॉर्ड किए जाने की संभावना है. ये सामान्य बारिश की कैटेगरी में आता है.
इस डाटा को स्टैटिकल और डायनेमिक तरीके के इस्तेमाल से निकाला गया है. जलवायु की दृष्टि से देखें तो इस साल 67 फीसदी संभावना है कि बारिश सामान्य या सामान्य से थोड़ी अधिक हो सकती है.
इस साल अल निनो का प्रभाव भी देखने को मिलेगा, यानी सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक अल निनो की स्थितियां मानसून के दौरान विकसित हो सकती हैं और मानसून के दूसरे चरण में इसका असर महसूस हो सकता है हालांकि, इसका मतलब ये नहीं है कि बारिश कम होगी. बीते कुछ सालों में अल निनो के दौरान सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश भी देखने को मिली है.
सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव स्थितियां दक्षिण पश्चिम मानसून ऋतु के दौरान विकसित हो सकती हैं. साल 1951 से 2022 तक अल निनो के स्थिति में 6 साल ऐसे थे जब सामान्य अधिक बारिश देखने को मिली थी.
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