Lightning Strike: बरसात के दिनों में आकाशीय बिजली (Lightning) अक्सर जानलेवा साबित होती है. खेतों में काम करने वाले, पेड़ों के नीचे पनाह लेने वाले, तालाब में नहाते समय बिजली चमकने पर इसकी आगोश में आने की संभावना अधिक रहती है. पर कुछ उपाय ऐसे हैं जिससे आकाशीय बिजली से बचा जा सकता (ways to save from Lightning) है.
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Lightning ways to avoid thunderstorms: उत्तर भारत के मौसम ने एक बार फिर करवट ली है. इस बीच कई प्रदेशों में तेज बारिश के साथ बिजली गिरने की खबरें सामने आई है. बरसात का मौसम आते ही आकाशीय बिजली यानी वज्रपात के मामले भी बढ़ जाते हैं. हर साल आकाशीय बिजली गिरने से कई इंसानों व मवेशियों की मौत हो जाती है. मौसम के इस बिगड़े मूड में लोगों को सुरक्षित रखने के नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी ऑफ इंडिया (NDMA) और आईआईपीएचजी यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट गांधी नगर ने एक वीडियो जारी किया है.
54 सेकेंड के वीडियो में जान बचाने का मंत्र
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लोगों को सतर्क रहने के लिए दिशा निर्देश दिए हैं. 54 सेकेंड के इस वीडियो तूफान आने और बिजली गिरने की स्थिति में कैसे बचाव करें, इसके लिए सुरक्षा उपाय बताये गए हैं. इसमें बताया गया है कि तूफान आने और बिजली कड़कने पर सुरक्षित रहने के लिए सबसे पहले किसी पूरी तरह से ढके हुए मजबूत घर या इमारत में दाखिल होने की कोशिश करें. अगर आस पास कोई इमारत न हो तो किसी मजबूत मेटल वाली बंद गाड़ी के भीतर बैठ जाएं.
आकाशीय बिजली से कैसे बचें
वज्रपात के समय पक्की छत के नीचे चले जाएं.
खिड़की के कांच, टिन की छत, गीले सामान और लोहे के हैंडलों से दूर रहें.
वज्रपात के समय यदि पानी में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं.
सफर के दौरान अपने वाहनों में शीशे चढ़ा कर रखें.
मजबूत छत वाले वाहन में रहें, खुली छत वाले वाहन में सवारी न करें.
यहां न रुकें
निर्माणाधीन इमारतें, मेटल शेड, बिल्डिंग पार्किंग, और कवर्ड बरामदा यानी बालकनी में नहीं जाना चाहिए. ये सभी असुरक्षित जगहें होती हैं. जो बिजली का प्रकोप नहीं झेल पाती है.
क्या न करें
वज्रपात के समय पेड़ के नीचे न खड़े हों.
बिजली के उपकरणों जैसे टेलीफोन आदि का प्रयोग न करें
दीवार के सहारे टेक लगाके न खड़े हों
किसी बिजली के खंभे के पास न खड़े हों.
अगर मजबूरी है या किसी जंगल या पार्क में हैं तो वहां के सबसे छोटे पेड़ के नीचे छिपना चाहिए.
जमीन में कभी न लेटें.
इमरजेंसी में क्या करें?
सावधानी रखने के बाद भी किसी को कोई दिक्कत हो तो मौसम की मार से प्रभावित शख्स की सांसों को चेक करें. फर्स्ट एड में उसे सीपीआर जैसे उपचार देकर फौरन एंबुलेंस को फोन करें और उसे अस्पताल ले जाना चाहिए.
क्या होती है आकाशीय बिजली?
गर्मी में पानी भाप बनकर ऊपर उड़ जाता है. जब पानी भाप बनकर ऊपर उठता है तो प्रत्येक 165 मीटर की ऊंचाई पर जाने पर तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की कमी आती है. जैसे जैसे पानी ऊपर उठता है वह जमने लगता है. जब बर्फ के टुकड़े आपस में टकराने लगते हैं तो इनमें घर्षण उत्पन्न हो जाता है. इस घर्षण के कारण स्ट्रेटिक करंट उत्पन्न हो जाता है. करेंट का पॉजिटिव चार्ज ऊपर चला जाता है और निगेटिव चार्ज नीचे आ जाता है. अब ये निगेटिव चार्ज पॉजिटिव को ढूंढने लगता है और जैसे ही इसे जमीन पर जहां कहीं भी पॉजिटिव चार्ज नजर आता है ये वहीं गिर जाता है. इसी घटनाक्रम को आकाशीय बिजली या वज्रपात बोलते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस बिजली का वोल्टेज इतना ज्यादा होता है कि इस बिजली से आदमी की मौत हो जाती है.
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