India on Pakistan-Iran: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमने एक प्रेस रिलीज जारी की है, जिसमें हमने आतंकवाद पर अपना स्टैंड साफ किया है. लेकिन पाकिस्तान और ईरान मामले पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.'
Trending Photos
World News: भारत ने गुरुवार को ईरान और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव पर टिप्पणी करने से मना कर दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमने एक प्रेस रिलीज जारी की है, जिसमें हमने आतंकवाद पर अपना स्टैंड साफ किया है. लेकिन पाकिस्तान और ईरान मामले पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.' बुधवार को भारत ने पाकिस्तानी सरजमीं पर ईरान के हमले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह इस्लामाबाद और तेहरान के लिए ही चिंता का विषय है. जहां तक भारत की बात है, तो आतंकवाद पर हमारा जीरो टॉलरेंस की नीति है. हम समझते हैं कि अपनी आत्मरक्षा में देश एक्शन लेते हैं.
ईरान-पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक
भारत का बयान ऐसे समय पर आया है, जब ईरान ने हाल ही में पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश-अल-सुन्नी को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक कीं. पाक सरकार के मुताबिक ईरान की वायुसेना उसके एयरस्पेस में घुसी और इस हमले में दो बच्चों की मौत हो गई. इसके बाद पाकिस्तान ने गुरुवार को ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें सात लोग मारे गए.
मालदीव के साथ हुई बैठक
दूसरी ओर मालदीव के साथ संबंधों पर विदेश मंत्रालय ने कहा, '14 जनवरी को हमारी कोर ग्रुप की बैठक हुई, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक के बाद प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई, जिसमें हमने बताया था कि दोनों देशों ने मालदीव के लोगों को मानवीय और मेडिकल सर्विसेज देने वाले भारतीय विमानन प्लेटफार्म को चलाने के लिए पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधान ढूंढने पर चर्चा की. चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए अगली बैठक भारत में होगी.' उन्होंने यह भी कहा कि लाल सागर में जो हो रहा है वो चिंता का विषय है. इससे हमारे आर्थिक हित पर प्रभाव पड़ता है. खाड़ी के इस क्षेत्र से एक दुनिया की एक महत्वपूर्ण शिपिंग लाइन है. हमारी नौसेना बल के जहाज वहां हमारे वाणिज्यिक जहाजों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं.
भारत करेगा कतर से अपील
वहीं 8 पूर्व भारतीय नेवी अफसरों को कतर कोर्ट के तरफ से दी गई फांसी की सजा पर विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हमारे राजदूत और दूतावास के अधिकारियों ने पूर्व नेवी अफसरों से मुलाकात की. जैसा कि हमने पहले भी आपको बताया था कि लीगल टीम इस मामले में अपील के पहलू पर विचार कर रही है. इसके लिए 60 दिन का वक्त है, जिसमें अपील कर सकते हैं. ' 28 दिसंबर को कोर्ट ऑफ अपील ने अपना फैसला सुनाया था. अब यह मुद्दा Court of Secession में जाएगा, जिस पर फैसला लीगल टीम करेगी. जायसवाल ने बताया, हमारे पास अब भी कुछ वक्त है. कॉन्सुलर एक्सेस मिलने के बाद हमारे राजदूत ने उन लोगों से मुलाकात की थी.