जम्मू कश्मीर की शांति और समृद्धि सीमा पार पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं को रास नहीं आ रही है. ऐसे में अब वो बड़े हमले करवाने की फिराक में हैं. सेना और भारतीय सुरक्षाबलों को मिले स्पेशल इनपुट के मुताबिक फिलहाल कश्मीर घाटी में कुल 135 आतंकवादी एक्टिव हैं.
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Terror threat in Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर की शांति और समृद्धि सीमा पार पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं को रास नहीं आ रही है. ऐसे में अब वो बड़े हमले करवाने की फिराक में हैं. सेना और भारतीय सुरक्षाबलों को मिले स्पेशल इनपुट के मुताबिक फिलहाल कश्मीर घाटी में कुल 135 आतंकवादी एक्टिव हैं. इन 135 में 110 पाकिस्तानी आतंकवादी हैं. जो घुसपैठ करके यहां आए हैं. वहीं इन सभी आतंकियों को मौत के घाट उतारने के लिए भारतीय सुरक्षाबल तैयार हैं.
सुरक्षा बलों ने उठाए कड़े कदम
जम्मू डिविजन में आतंकी हमलों के बाद सुरक्षा को लेकर पुलिस ने कई बड़े कदम उठाए हैं. आतंकी हमलों के बाद सुरक्षा बढ़ाने के लिए 960 नए ट्रेंड पुलिस कर्मियों को बॉर्डर पर तैनात किया है. ये पुलिसकर्मी सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ घुसपैठ और आतंक विरोधी अभियानों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. गांव में SPOs की भर्ती भी बढ़ाई जायेगी. हालांकि डीजीपी ने ये भी कहा कि जम्मू कश्मीर में 110 पाकिस्तानी समेत 135 आतंकी इस वक्त सक्रिय हैं. खासकर सीमा के नदी और नाले वाले क्षेत्रों में घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं.
युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है, परिवर्तन को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना होगा : सीडीएस चौहान
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान (General Anil Chauhan) ने बृहस्पतिवार को कहा कि तकनीकी प्रगति के कारण युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है और देश की सशस्त्र सेनाओं को इस बदलाव को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना होगा. उन्होंने 1999 में करगिल युद्ध के दौरान तोलोलिंग और टाइगर हिल की लड़ाई के 25 साल पूरे होने के मौके पर सेना के अधिकारियों, जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) और ‘18 ग्रेनेडियर्स’ के सैनिकों की एक सभा को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं.
भारतीय सेना ने चार जुलाई 1999 को टाइगर हिल चोटी फतह की थी. करगिल युद्ध में 18 ग्रेनेडियर्स बटालियन ने अहम भूमिका निभायी थी. करगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत का जश्न मनाने के लिए हर साल 26 जुलाई को ‘विजय दिवस’ मनाया जाता है. जनरल चौहान ने कहा, ‘‘देश के लोगों को हमारी क्षमताओं पर भरोसा है और उसी के कारण हमारी इतनी प्रतिष्ठा है. जो विरासत आपको दी गयी है, वह हमारे पूर्वजों द्वारा अर्जित की गयी है.’
CDS ने कहा, 'यह व्यक्तिगत रूप से और एक समुदाय के रूप में भी ‘हमें जिम्मेदारियां सौंपता’ है. एक सैनिक के रूप में कोई कभी गलती नहीं कर सकता और एक समुदाय के रूप में विश्वास कम नहीं किया जा सकता. जनरल चौहान ने अपने संबोधन में कहा, ‘हम परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं. आज के युग में युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है. अत: हमें इस परिवर्तन को स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा.’
उन्होंने कहा, ‘हम एक पेशेवर सशस्त्र बल और एक महाशक्ति बनना चाहते हैं. यह हमारी आकांक्षा है. अगर हम नयी ऊर्जा के साथ काम करें, तभी यह संभव हो सकता है.’
वैज्ञानिकों और दार्शनिकों का हवाला देते हुए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने कहा कि केवल परिवर्तन ही स्थायी है और भारतीय सशस्त्र बल ‘‘इस बदलाव से दूर नहीं रह सकते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘त्वरित तकनीकी घटनाक्रम के कारण युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है. पहले यह पाया गया कि युद्ध जीतने के लिए वीरता एक आवश्यक तत्व है. लेकिन भविष्य के युद्धों में केवल वीरता ही पर्याप्त नहीं है...हमें लचीला और कल्पनाशील बनना होगा तथा खुला दिमाग रखना होगा.’
जनरल चौहान ने कहा कि कई हथियारों के बेहतर प्रौद्योगिकी से उन्नत होने के साथ ही युक्तियां और रणनीतियां भी बदल गयी हैं तथा अब यह बहुत तेजी से हो रहा है. आज हम कई क्षेत्रों में युद्ध की बात कर रहे हैं. केवल पारंपरिक क्षेत्रों जैसे कि जमीन, समुद्र और वायु के बजाय हमारी सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए साइबर, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम और अंतरिक्ष क्षेत्र भी जोड़े गए हैं.
सीडीएस ने कहा कि लोग सशस्त्र बलों से प्यार करते हैं तथा उन पर भरोसा करते हैं तथा ‘अगर हमें इसे बरकरार रखना है तो हमें बदलाव लाना पड़ेगा. हम युद्ध में नाकाम नहीं हो सकते. युद्ध में कोई उपविजेता नहीं होता. इस भरोसे को बनाए रखने के लिए आपको इन नयी चीजों को समझना तथा स्वीकार करना होगा. यह मुख्य वजह है कि सरकार ने सीडीएस का पद बनाया और यह उन सुधारों का हिस्सा है जिन्हें हम लागू करने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सीडीएस के रूप में, उनका काम तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता और एकीकरण लाना है, ताकि सभी मिलकर काम करें. जनरल चौहान ने ‘18 ग्रेनेडियर्स बटालियन’ के सदस्यों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने उन ‘वीर नारियों’ को भी शुभकामनाएं दीं जिनके बेटे या पति ने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया.